झारखंड के अनाथ, तस्करी के शिकार और नक्सल प्रभावित बच्चों के लिए अब शिक्षा और भी आधुनिक बनने जा रही है। राज्य सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन विद्यालयों में अनाथ बच्चों के साथ-साथ तस्करी से मुक्त कराए गए, एकल अभिभावक वाले तथा बिना अभिभावक सुरक्षा वाले बच्चों का नामांकन होता है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद इस योजना के तहत टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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26 विद्यालयों में होगी आधुनिक शिक्षा की सुविधा
झारखंड राज्य में कुल 26 नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय संचालित हैं। इनमें रांची, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, हजारीबाग और बोकारो में दो-दो विद्यालय हैं, जबकि गढ़वा, गुमला, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, रामगढ़, सरायकेला, खरसावां, सिमडेगा, चतरा, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, कोडरमा और पाकुड़ में एक-एक विद्यालय संचालित हैं।
दसवीं तक की पढ़ाई से 12वीं तक होगा विस्तार
इन 26 विद्यालयों में अब तक केवल दसवीं तक की पढ़ाई होती थी, लेकिन अब इन्हें 12वीं तक अपग्रेड किया जा रहा है। राज्य कार्यकारिणी समिति ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, जिसके तहत विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की जाएगी।
बेहतर परीक्षा परिणामों ने बढ़ाया सरकार का विश्वास
वर्ष 2024 की झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) की दसवीं परीक्षा में इन विद्यालयों से 344 विद्यार्थी शामिल हुए थे, जिनमें से 336 सफल रहे। इस प्रकार परीक्षा का परिणाम 97.67 प्रतिशत रहा। इन शानदार नतीजों को देखते हुए सरकार ने इन विद्यालयों को उच्च माध्यमिक स्तर तक अपग्रेड करने का निर्णय लिया।
निजी एजेंसी को मिलेगा स्थापना और रखरखाव का जिम्मा
राज्य सरकार ने स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब की स्थापना तथा रखरखाव के लिए एक निजी एजेंसी को जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया है। प्रत्येक विद्यालय में एक-एक आईसीटी इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति की जाएगी और राज्य स्तर पर एक प्रशिक्षित प्रोजेक्ट मैनेजर नियुक्त होगा।
इस पहल से झारखंड के अनाथ और नक्सल प्रभावित बच्चे भी डिजिटल शिक्षा से जुड़ सकेंगे और उन्हें आधुनिक तकनीक के साथ बेहतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।