केंद्रीय बजट में इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दी गई है। खासकर, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। देश के सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर की स्थापना की जाएगी। इस योजना के तहत झारखंड के सभी 24 जिलों में डे केयर कैंसर केंद्र खोले जाएंगे, जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, राज्य के मेडिकल कॉलेजों में यूजी और पीजी की सीटों में भी बढ़ोतरी की जाएगी।
तीन साल में होंगे सभी केंद्र स्थापित
वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान बताया कि अगले तीन वर्षों में सभी डे केयर कैंसर केंद्रों की स्थापना पूरी कर ली जाएगी। इनमें से 200 केंद्र वर्ष 2025-26 में खोले जाने की योजना है। फिलहाल, झारखंड में केवल रिम्स, रांची में कैंसर डे केयर केंद्र संचालित है। लेकिन इस नई पहल के तहत, कैंसर मरीजों को अब राजधानी आने की जरूरत नहीं होगी। वे अपने जिले में ही स्थित कैंसर केंद्र में जाकर कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी की सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे और शाम को अपने घर लौट सकेंगे। इससे मरीजों के लिए उपचार अधिक सुविधाजनक और किफायती हो जाएगा।
मेडिकल शिक्षा में भी होगी बढ़ोतरी
स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार ने चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्री ने बताया कि बीते 10 वर्षों में मेडिकल यूजी और पीजी सीटों में 130 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे कुल 1.1 लाख सीटें जोड़ी गई हैं। आगामी पांच वर्षों में देश में 75,000 और सीटें जोड़ी जाएंगी, जिसमें से अगले साल 10,000 सीटों की वृद्धि की जाएगी। इसका लाभ झारखंड के सात सरकारी और दो निजी मेडिकल कॉलेजों को मिलेगा।
पिछले दशक में, झारखंड को भी मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी का लाभ मिला है। निजी मेडिकल कॉलेजों में 250 यूजी सीटें प्रदान की गई हैं, वहीं रिम्स, रांची में पीजी सीटों की संख्या बढ़ाई गई है। इसके अलावा, एसएनएमसीएच, धनबाद में भी इस साल से पीजी पाठ्यक्रम शुरू हो चुका है।
कैंसर मरीजों को मिलेगा उच्च गुणवत्ता वाला इलाज
राज्य में कैंसर मरीजों को अब गुणवत्तापूर्ण और समय पर उपचार मिल सकेगा। इस पहल से कैंसर का शीघ्र निदान और इलाज संभव होगा, जिससे मरीजों के जीवन को बचाने की संभावना भी बढ़ जाएगी। कैंसर उपचार को जिला स्तर तक लाने की यह पहल सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं का विकेंद्रीकरण होगा, बल्कि मरीजों और उनके परिवारों को भी आर्थिक और मानसिक रूप से राहत मिलेगी।
सरकार के इस कदम से झारखंड समेत पूरे देश में कैंसर मरीजों के लिए इलाज को और अधिक सुगम एवं प्रभावी बनाया जा सकेगा।