महाकुंभ में शामिल होने के लिए 28 जनवरी को प्रयागराज गए रांची के 60% श्रद्धालु अब तक वापस नहीं लौट सके हैं. मौनी अमावस्या के दिन हुई भारी भीड़ और भगदड़ के बाद रांची से गई 24 बसों में से मात्र 4 ही तीन दिन बाद लौट पाई हैं, जबकि बाकी 20 बसें अभी भी प्रयागराज, वाराणसी और यूपी-बिहार बॉर्डर चंदौली के पास फंसी हुई हैं. इन बसों में रांची से गए करीब 1200 लोग सफर कर रहे थे, लेकिन वापसी में हो रही देरी के कारण रांची से प्रयागराज जाने वालों की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है. रांची के लोगों का कहना है कि एक से 12 फरवरी के बीच प्रयागराज जाने की उनकी पहले से योजना थी, लेकिन अब वहां की स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपना प्लान आगे बढ़ा दिया है. जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक वहां जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता. शुक्रवार को लगभग 1000 यात्रियों ने अपनी बस की टिकट कैंसिल करा दी.
एक्सीडेंट और लंबा जाम बना परेशानी का कारण
रांची से प्रयागराज और वाराणसी की ओर जाने वाले यात्रियों की मुश्किलें तब और बढ़ गईं जब बरही के पास एक बड़ा सड़क हादसा हो गया. इस हादसे के बाद शुक्रवार को बरही में करीब 20 किमी लंबा जाम लग गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि आज तक इस इलाके में इतना लंबा जाम कभी नहीं लगा था. इस जाम में भी कई बसें और गाड़ियां फंस गईं, जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
ट्रेनों में भी भीड़, पैर रखने तक की जगह नहीं
जो यात्री ट्रेन से रांची से प्रयागराज गए थे, उन्हें भी वापसी में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. संगम स्नान के लिए इतनी लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ रही है कि लोग अपनी ट्रेन भी समय पर नहीं पकड़ पा रहे हैं. रांची से प्रयागराज गए भीम सिंह ने बताया कि संगम स्नान के लिए इतनी भीड़ उमड़ रही है कि लोगों को काफी पैदल चलना पड़ रहा है. जो लोग परिवार के साथ गए हैं, वे सबसे ज्यादा परेशान हैं, क्योंकि महिलाएं और बच्चे इतनी लंबी दूरी पैदल तय नहीं कर पा रहे हैं. प्रयागराज में संगम तक जाने के लिए सवारी मिलना भी मुश्किल हो गया है, और जो वाहन मिल भी रहे हैं, वे श्रद्धालुओं को कुछ ही दूरी तक छोड़कर आगे नहीं जा रहे. इसके अलावा, वाहन चालकों द्वारा मनमाने पैसे वसूले जा रहे हैं, जिससे आम यात्रियों के लिए यह सफर और भी मुश्किल हो गया है. ट्रेन की स्लीपर क्लास में भी पैर रखने तक की जगह नहीं बची है, जिससे लोग किसी भी खाली जगह देखकर वहीं चढ़ जा रहे हैं.
प्रयागराज के लिए ट्रैवल एजेंसियों ने रोकी बुकिंग
रांची की ट्रैवल एजेंसियां अब प्रयागराज के लिए छोटी चार पहिया गाड़ियां बुक करने से बच रही हैं. इसकी वजह यह है कि वहां जाने में अब तीन दिन से ज्यादा समय लग रहा है. जाम और भीड़ के कारण ट्रैवल एजेंसी वाले 12 फरवरी तक के लिए कोई बुकिंग नहीं ले रहे हैं. एक ट्रैवल एजेंसी संचालक ने बताया कि जब तक जाम की स्थिति में सुधार नहीं आता, तब तक वे कोई नई बुकिंग नहीं लेंगे. खासतौर पर छोटे वाहनों से सफर करने वाले यात्रियों को रास्ते में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. जाम में फंसने के बाद महिलाओं और बच्चों को शौचालय जाने तक की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
श्रद्धालुओं को हो रही भारी परेशानी
प्रयागराज में इस समय इतनी भीड़ उमड़ चुकी है कि लोगों को संगम स्नान करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. रांची से गए श्रद्धालुओं ने बताया कि संगम तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है. वहां वाहन मिलना मुश्किल हो गया है, और जो मिल भी रहे हैं, वे महंगे किराए पर ही उपलब्ध हैं. रांची के कई यात्री जो पहले से वापसी के लिए ट्रेन और बसों की टिकट बुक कर चुके थे, वे समय पर प्रयागराज के स्टेशन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे उनकी ट्रेन भी छूट रही है. बसों की स्थिति भी खराब है, क्योंकि भारी भीड़ और ट्रैफिक के कारण वे सही समय पर प्रयागराज नहीं पहुंच पा रही हैं.
क्या स्थिति में जल्द सुधार होगा?
प्रशासन के अनुसार, अगले कुछ दिनों में प्रयागराज से लौटने वाले यात्रियों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी, जिससे ट्रेनों और बसों में भीड़ और ज्यादा बढ़ सकती है. जाम की स्थिति को देखते हुए प्रयागराज प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नए इंतजाम कर रहा है, लेकिन अभी तक हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाए हैं. फिलहाल, रांची से प्रयागराज जाने वाले लोग अपनी यात्रा को टाल रहे हैं और जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक नई बुकिंग से बच रहे हैं.