भाजपा नेता सीता सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा में वापसी की अटकलें तेज हो गई हैं। खबरों के मुताबिक, उन्होंने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन से मुलाकात कर पार्टी में पुनः शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। अब औपचारिक बुलावे का इंतजार किया जा रहा है।
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सूत्रों के अनुसार, सीता सोरेन एक फरवरी को दुमका पहुंच रही हैं, जहां दो फरवरी को झामुमो का स्थापना दिवस समारोह आयोजित होगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत झामुमो के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे। यदि सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ तो सीता सोरेन इस कार्यक्रम के मंच से झामुमो में वापसी की घोषणा कर सकती हैं।
सीता सोरेन ने दिया संकेत
जब इस विषय में सीता सोरेन से पूछा गया तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, ”समय और परिस्थिति को कौन जानता है। वह मेरा अपना ही घर है। सब कुछ हमारा ही बनाया हुआ है। वह आज भी वैसा ही है, जैसा कल था।”
जब उनसे झामुमो में वापसी की तैयारी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ”क्या है, क्या नहीं, इसके बारे में तो सब कुछ समय बताएगा। हम जहां हैं, अभी वहीं हैं। आगे समय और परिस्थिति को कौन जानता है।”
भाजपा और झामुमो नेताओं की प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम पर झामुमो और भाजपा के नेता खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, वहीं दुमका विधायक बसंत सोरेन ने कहा कि अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सीता सोरेन के संभावित इस्तीफे पर कहा कि उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं है।
राजनीतिक समीकरणों पर असर
अगर सीता सोरेन झामुमो में वापसी करती हैं तो यह झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव हो सकता है। गौरतलब है कि उन्होंने पहले झामुमो से नाता तोड़कर भाजपा का दामन थामा था, लेकिन अब उनकी वापसी की चर्चाएं नए समीकरण पैदा कर सकती हैं।
अब सबकी निगाहें 2 फरवरी को झामुमो के स्थापना दिवस समारोह पर टिकी हैं, जहां इस राजनीतिक घटनाक्रम पर स्थिति स्पष्ट हो सकती है।