झारखंड में कई महत्वपूर्ण आयोगों और बोर्डों के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के पद रिक्त पड़े हुए हैं, जिसका सीधा असर राज्य के छात्रों, बेरोजगारों और युवाओं पर पड़ रहा है. इन रिक्त पदों के कारण विभिन्न महत्वपूर्ण परीक्षाओं, साक्षात्कारों और नियुक्तियों में देरी हो रही है. युवा बेरोजगारों को नौकरी देने वाले इन आयोगों के अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उनकी परीक्षा और नौकरी से जुड़ी प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए.
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) में अध्यक्ष का पद खाली
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) में अध्यक्ष का पद 22 अगस्त 2024 से खाली पड़ा है, जो पिछले पांच महीनों से रिक्त है. इस आयोग का कार्य मुख्य रूप से राज्य में सिविल सेवा के उम्मीदवारों की भर्ती प्रक्रिया को पूरा करना होता है. इसके अलावा, झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) में भी अध्यक्ष का पद 23 फरवरी 2024 से खाली है. इस आयोग का कार्य युवाओं की भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा होता है. इन दोनों आयोगों के अध्यक्षों के न होने से कई परीक्षाओं और चयन प्रक्रियाओं में रुकावटें आ रही हैं.
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद खाली
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद रिक्त हैं. इन पदों के खाली रहने के कारण 8वीं, 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में देरी हो रही है. रिपोर्ट के अनुसार, लाखों छात्रों को इससे परेशानी हो रही है. खासकर, 10वीं और 12वीं की परीक्षा की तिथियों में संशय बना हुआ है. इसके अलावा, 8वीं कक्षा का एडमिट कार्ड पहले ही जारी किया जा चुका था, लेकिन परीक्षा संबंधी कार्यों में बाधाएं आ रही हैं. यदि इन पदों पर समय रहते नियुक्ति नहीं होती, तो परीक्षा परिणाम में भी देरी हो सकती है.
सिविल सेवा परीक्षा परिणाम में देरी
झारखंड लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष की अनुपस्थिति के कारण सिविल सेवा के मुख्य परीक्षा परिणाम भी रुके हुए हैं. इन परीक्षाओं में 342 पदों के लिए 5600 अभ्यर्थी शामिल हुए थे और वे परिणाम का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे साक्षात्कार की तैयारी कर सकें. इसी तरह, कई विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की नियुक्तियां भी रुकी हुई हैं. 2018 में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियों का विज्ञापन जारी किया गया था, लेकिन अब तक चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में अध्यक्ष का पद खाली
झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष पद भी खाली है. इस आयोग का अहम कार्य निकाय चुनावों के लिए ट्रिपल टेस्ट को लेकर है. इस टेस्ट के बिना चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती. इस आयोग के अध्यक्ष के बिना जिला प्रशासन की मदद से ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया जारी रखी जा रही है, लेकिन सत्यापन की समस्या हो सकती है. यदि सत्यापन सही तरीके से नहीं हुआ, तो रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकते हैं, इसलिए आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति जरूरी है.
अन्य आयोगों में भी रिक्त पद
इसके अलावा, राज्य के कई अन्य आयोगों और बोर्डों जैसे राज्य मानवाधिकार आयोग, सूचना आयोग, लोकायुक्त, झारखंड रियल स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, और अन्य में भी अध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं. इन आयोगों की नियुक्ति के लिए नेता प्रतिपक्ष का होना जरूरी है, जो फिलहाल रिक्त है.
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) में अध्यक्ष का पद प्रभार में
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) में भी अध्यक्ष का पद प्रभार में चल रहा है. यह स्थिति पिछले 11 महीनों से बनी हुई है. हालांकि कामकाजी व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है, लेकिन नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति से आयोग के निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुधार हो सकता था. पिछले 11 महीनों में, केवल सीजीएल परीक्षा आयोजित की गई और उसका परिणाम जारी किया गया, लेकिन अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में कोई बड़ी प्रगति नहीं हो पाई है.