रांची जिले में जमीन म्यूटेशन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। अब लोगों को म्यूटेशन के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, क्योंकि 2 फरवरी से शिविर लगाकर लंबित म्यूटेशन मामलों का निपटारा किया जाएगा। रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री की पहल पर जिले के 10 अंचल कार्यालयों में शिविर लगाकर 10 डिसमिल तक की जमीन के म्यूटेशन मामलों को निपटाने का निर्णय लिया गया है। इसमें बिना आपत्ति वाले मामलों का निपटारा 30 दिनों में किया जाएगा।
Follow the Jharkhand Updates channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VafHItD1SWsuSX7xQA3P
रांची में म्यूटेशन के 10,408 मामले पेंडिंग
रांची जिले में वर्तमान में 10,500 म्यूटेशन के मामले पेंडिंग हैं। इनमें 30 दिनों से अधिक समय से बिना आपत्ति वाले 4843 मामले और 90 दिनों से अधिक समय से आपत्ति सहित 3565 मामले लंबित हैं। कांके अंचल में 30 दिनों से अधिक पेंडिंग मामलों की संख्या 923 है, जबकि 90 दिनों से अधिक समय से आपत्ति सहित पेंडिंग मामलों की संख्या 238 है। वहीं, नामकुम अंचल में 90 दिनों से अधिक समय से पेंडिंग 1468 मामले हैं।
मौके पर ही मिलेगा करेक्शन स्लिप
शिविर में 90 दिनों से अधिक समय से लंबित आपत्ति वाले म्यूटेशन मामलों का मौके पर ही निपटारा किया जाएगा। आवेदकों को ऑन स्पॉट करेक्शन स्लिप भी जारी की जाएगी, जिसके बाद डेटा ऑनलाइन किया जाएगा ताकि जमीन मालिक ऑनलाइन रसीद काट सकें।
10 अंचलों में लगेगा शिविर
रविवार को रांची के अनगड़ा, अरगोड़ा, बड़गाई, बेड़ो, बुंडू, बुढ़मू, चान्हो, हेहल, इटकी और नगड़ी अंचल कार्यालयों में शिविर आयोजित किया जाएगा। इन शिविरों में जिन पेंडिंग मामलों का निपटारा किया जाएगा, उनका सत्यापन अंचल निरीक्षक और राजस्व उप निरीक्षकों द्वारा पहले ही किया जा चुका है, जिससे आवेदकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
भ्रष्टाचार पर रोक, बिचौलियों की एंट्री पर प्रतिबंध
डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने अंचल कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए बिचौलियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। सभी अंचलों के सीओ को आदेश दिया गया है कि कार्यालय में संदिग्ध व्यक्तियों का प्रवेश रोका जाए। अगर कोई बिचौलिया पाया जाता है, तो उसकी सूचना स्थानीय थाने को दी जाएगी ताकि भविष्य में उसका प्रवेश रोका जा सके। साथ ही, आम जनता को भी बिचौलियों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
यह पहल उन लोगों के लिए राहत भरी साबित होगी जो वर्षों से जमीन के म्यूटेशन के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर लगा रहे थे। प्रशासन का यह कदम जमीन संबंधी मामलों को पारदर्शी बनाने और भ्रष्टाचार खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।