झारखंड सरकार ने सहारा इंडिया में फंसे राज्य के तीन लाख से अधिक छोटे-बड़े निवेशकों के पैसे वापस दिलाने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है. राज्य के वित्त विभाग ने नयी दिल्ली स्थित सेंट्रल रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर झारखंड के निवेशकों द्वारा सहारा में किए गए निवेश और डूबी हुई रकम की विस्तृत जानकारी मांगी है. यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत उठाया गया है, जिसमें केंद्र सरकार को सहारा में निवेश करने वालों का पैसा लौटाने का आदेश दिया गया था. झारखंड सरकार ने अब तक कई बार केंद्र सरकार को पत्र भेजकर राज्य के निवेशकों की स्थिति से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
9764 निवेशकों ने की शिकायत, धनबाद सबसे आगे
सरकार द्वारा सहारा में फंसे निवेशकों के लिए इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERSS) के तहत शिकायत दर्ज कराने की सुविधा दी गई थी. इस पर अब तक कुल 9764 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं.
इनमें से:
• 9649 शिकायतें सहारा में फंसे पैसे को लेकर आईं
• 115 शिकायतें सहारा की नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों में पैसे के डूबने से संबंधित थीं
शिकायतों के मामले में सबसे ज्यादा प्रभावित जिले:
• धनबाद – 1872 शिकायतें
• बोकारो – 1391 शिकायतें
• रांची – 1035 शिकायतें
तीन लाख निवेशकों का पैसा फंसा, लेकिन सही आंकड़ा स्पष्ट नहीं
सहारा में निवेश करने वाले छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े व्यापारी तक शामिल हैं. यह मुद्दा पिछले वर्ष झारखंड विधानसभा में भी उठाया गया था. एक अनुमान के अनुसार, झारखंड के करीब 3 लाख लोगों का 2500 करोड़ रुपये फंसा हुआ है. हालांकि, सरकार को अभी तक रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) से सही आंकड़े प्राप्त नहीं हुए हैं. झारखंड सरकार ने निवेशकों से जानकारी जुटाने के लिए 112 टोल-फ्री नंबर जारी किया था, लेकिन अब तक बहुत कम लोगों ने अपनी शिकायत दर्ज कराई है.
राज्य सरकार ने केंद्र को कब-कब पत्र भेजा?
झारखंड सरकार सहारा में फंसे निवेशकों की समस्या को लेकर कई बार केंद्र को पत्र भेज चुकी है:
• 17 अप्रैल 2023 – वित्त विभाग के विशेष सचिव ने पत्र भेजा
• 22 जून 2023 – वित्त विभाग के संयुक्त सचिव ने पत्र भेजा
• 15 दिसंबर 2023 – वित्त विभाग के निदेशक रमेश घोलप ने पत्र भेजा
• 9 फरवरी 2024 – वित्त विभाग के निदेशक की ओर से दूसरा पत्र भेजा गया
राज्य सरकार की कोशिशें और वित्त मंत्री का बयान
झारखंड सरकार का कहना है कि सहारा इंडिया पर कार्रवाई राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सहारा को निवेशकों का पैसा लौटाना होगा, और यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह झारखंड के आम लोगों का पैसा वापस दिलाने के लिए पहल करे.
राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा:
“सहारा कंपनी में झारखंड के लाखों लोगों का करोड़ों रुपये डूब गया है. लोगों की गाढ़ी कमाई फंसी हुई है. हमने केंद्र सरकार और सेंट्रल रजिस्ट्रार को सभी निवेशकों की जानकारी भेजी है और लगातार पत्र लिख रहे हैं. हमारी पूरी कोशिश है कि आम लोगों का पैसा जल्द से जल्द वापस मिले.
क्यों फंसा निवेशकों का पैसा?
सहारा ग्रुप ने निवेशकों को उच्च रिटर्न का लालच देकर करोड़ों रुपये जुटाए थे, लेकिन नियामकीय पाबंदियों और कानूनी मामलों के कारण निवेशकों का पैसा फंस गया.
• सहारा ग्रुप कई वर्षों से वित्तीय संकट का सामना कर रहा है.
• SEBI और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद, निवेशकों का पैसा अब तक वापस नहीं मिला है.
• सहारा पर सुप्रीम कोर्ट ने कई बार आदेश जारी किए हैं, लेकिन धन वापसी की प्रक्रिया में देरी हो रही है.
क्या कर सकते हैं निवेशक?
यदि आपने सहारा में निवेश किया है और आपका पैसा फंसा हुआ है, तो आप:
• इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERSS) पर शिकायत दर्ज करें
• झारखंड सरकार के 112 टोल-फ्री नंबर पर संपर्क करें
• SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की आधिकारिक वेबसाइट पर अपनी शिकायत दर्ज करें.