मंईयां सम्मान योजना: पैसों की कमी को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी सफाई….

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया है कि इस योजना से किसी पर आर्थिक बोझ नहीं आएगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से ही इस योजना के लिए आर्थिक प्रबंध करेगी. यह योजना झारखंड में महिलाओं और युवतियों के सशक्तिकरण और जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि झारखंड सरकार महिलाओं के लिए 15-16 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जो केंद्र सरकार के 25-26 हजार करोड़ रुपये के खर्च से कम नहीं है. यह राज्य के बजट का एक बड़ा हिस्सा है, जो आधी आबादी के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए आवंटित किया गया है. उन्होंने कहा कि यह राज्य के विकास के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है.

महिलाओं को हर माह मिलते हैं 2500 रुपये

मुख्यमंत्री ने मंईयां सम्मान योजना के तहत हर महिला और युवती को हर महीने 2500 रुपये प्रदान करने की जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के लिए आवश्यक राशि जुटाने के लिए सरकार आंतरिक संसाधनों का प्रबंधन कर रही है. इस योजना से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी और उनके जीवन में सुधार आएगा. उन्होंने बताया कि झारखंड का खनिज राज्य और देश की अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका निभाता है. हालांकि, राज्य को खुद के विकास के लिए संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद, सरकार ने विकास कार्यों में कोई कमी नहीं की है. शिक्षा, सड़क, बिजली, और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं में बड़े स्तर पर काम हुआ है.

दीर्घकालिक योजनाओं पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी योजना को सफल बनाने के लिए दीर्घकालिक सोच और पीढ़ी-दर-पीढ़ी की प्लानिंग जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि जब नींव मजबूत होगी, तो किसी भी लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है. रोजगार के विषय में उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराना है. उन्होंने स्वीकार किया कि देश का सबसे बड़ा वर्ग युवाओं का है, जो कभी-कभी रोजगार के अभाव में मायूस हो जाता है. इस समस्या के समाधान को सरकार प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने कहा कि बजट में केवल पैसा खर्च करना ही नहीं, बल्कि उसके परिणामों पर भी ध्यान देना जरूरी है. हमें यह देखना होगा कि खर्च की गई राशि से कितना लाभ मिल रहा है.

वित्तीय प्रबंधन में झारखंड का उदाहरण

राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड का वित्तीय प्रबंधन एक उत्कृष्ट उदाहरण है. उन्होंने कहा कि राज्य का राजकोषीय घाटा केंद्र द्वारा तय की गई सीमा से काफी नीचे है. यह दिखाता है कि झारखंड सरकार आर्थिक प्रबंधन में कितनी सक्षम है. उन्होंने कहा कि जिस दिन झारखंड विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा, उस दिन देश भी आगे बढ़ेगा.

केंद्र प्रायोजित योजनाओं की राशि का सवाल

मुख्य सचिव अलका तिवारी ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं की राशि पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि राज्य को केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं की पूरी राशि नहीं मिल रही है. उन्होंने बजट में इस विषय को समाहित करने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि हमें संसाधनों की वास्तविक उपलब्धता के साथ-साथ वास्तविक खर्च पर भी चर्चा करनी चाहिए.

राज्य सरकार की योजनाओं का उद्देश्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार की सभी योजनाओं का उद्देश्य राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार करना है. मंईयां सम्मान योजना के माध्यम से महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि उन्हें समाज में आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी मिलेगा.

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