Headlines

हाई कोर्ट ने हजारीबाग में ट्रैफिक सुधार के दिए निर्देश

झारखंड हाई कोर्ट ने हजारीबाग में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार और हजारीबाग नगर निगम को ट्रैफिक सिग्नल लगाने और जरूरत पड़ने पर ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
सुनवाई में नगर निगम की ओर से बताया गया कि ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए स्थानों की पहचान कर ली गई है और इस पर काम शुरू हो चुका है। अदालत ने नगर निगम और राज्य सरकार से अब तक की गई कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
अदालत ने सरकार से पूछा कि हजारीबाग में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए वर्तमान में कितने ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात हैं और कितनी और आवश्यकता है। कोर्ट ने सुझाव दिया कि अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस की आवश्यकता को होमगार्ड जवानों की मदद से पूरा किया जा सकता है।

याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि हजारीबाग में ट्रैफिक सिग्नल की कोई व्यवस्था नहीं है। सड़कों पर अवैध दुकानें लगाई जाती हैं और पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने के कारण चौक-चौराहों पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है।

इसके अलावा, यह भी बताया गया कि बड़े वाहनों जैसे बस और ट्रक को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक शहर में प्रवेश की अनुमति दी जाती है, जबकि अन्य जिलों में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहता है। हजारीबाग में बिना रजिस्ट्रेशन के लगभग 1500 ई-रिक्शा चल रहे हैं, जो ट्रैफिक समस्या को और बढ़ा रहे हैं।
अदालत ने सरकार और नगर निगम को निर्देश दिया है कि ट्रैफिक सुधार से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान शीघ्रता से किया जाए। मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।

मुख्य बिंदु:

  • ट्रैफिक सिग्नल लगाने और ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाने के निर्देश।
  • अवैध दुकानों और ई-रिक्शा संचालन पर कार्रवाई की आवश्यकता।
  • पार्किंग और भारी वाहनों के प्रवेश पर सख्ती की जरूरत।

यह निर्देश शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×