झारखंड में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि झारखंड में कमीशनखोरी और वसूली की जड़ें अब शिक्षा के क्षेत्र तक पहुंच गई हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए इस मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.
वीडियो में लगाए गए गंभीर आरोप
बाबूलाल मरांडी द्वारा शेयर किए गए वीडियो में दावा किया गया है कि जामा विधानसभा क्षेत्र के नोनीहाट स्थित एक सरकारी स्कूल में साइकिल वितरण के दौरान छात्र-छात्राओं से 400 रुपये की अवैध वसूली की जा रही है. वीडियो में एक आठवीं कक्षा की छात्रा पायल कुमारी यह बताते हुए नजर आ रही है कि स्कूल के शिक्षक साइकिल देने के लिए प्रति छात्र 400 रुपये की मांग कर रहे हैं. जब छात्रा से पूछा गया कि यदि वह 400 रुपये नहीं दे पाई तो क्या होगा, तो उसने बताया कि इस पर शिक्षकों ने कुछ नहीं कहा है.
शिक्षा के मंदिरों तक पहुंची भ्रष्टाचार की संस्कृति
बाबूलाल मरांडी ने वीडियो के साथ अपने ट्वीट में लिखा कि झारखंड में झामुमो सरकार के तहत कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की संस्कृति इतनी गहरी हो चुकी है कि अब यह सरकारी दफ्तरों से निकलकर शिक्षा के मंदिरों तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल बच्चों और उनके परिवारों के साथ अन्याय है, बल्कि यह पूरे राज्य की शिक्षा प्रणाली पर एक धब्बा है.
दुमका डीसी से जांच की मांग
वीडियो सामने आने के बाद बाबूलाल मरांडी ने दुमका के उपायुक्त (डीसी) से मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने यह भी कहा कि साइकिल वितरण में व्याप्त अनियमितताओं को जल्द से जल्द खत्म किया जाना चाहिए और सभी पात्र छात्रों को साइकिल उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
सरकार पर विपक्ष का तीखा हमला
बाबूलाल मरांडी ने इस मामले को लेकर हेमंत सरकार पर सीधा हमला किया. उन्होंने कहा कि झारखंड में कमीशनखोरी और वसूली का तंत्र इतना मजबूत हो चुका है कि इसका असर अब स्कूलों और छात्रों पर भी पड़ रहा है. मरांडी ने इस घटना को शिक्षा व्यवस्था के लिए बेहद शर्मनाक करार दिया.
भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की नाराजगी
झारखंड में बढ़ती कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता में नाराजगी बढ़ती जा रही है. यह पहली बार नहीं है जब राज्य में इस तरह के मामले सामने आए हैं. इससे पहले भी झारखंड सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके हैं. लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार का यह मामला राज्य के भविष्य यानी बच्चों को सीधे तौर पर प्रभावित कर रहा है, जो कि बेहद चिंताजनक है.
सरकार की चुप्पी पर सवाल
इस मामले को लेकर हेमंत सोरेन सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि सरकार भ्रष्टाचार को रोकने में विफल रही है. बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियां और प्रशासनिक ढांचा पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुका है.