झारखंड के गिरिडीह जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के धनयडीह में झारखंड आंदोलन के एक प्रमुख नेता और झामुमो के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष उमेश महतो (80) का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। मृतक उमेश महतो सेनादोनी पंचायत के पूर्व सरपंच और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले व्यक्तित्व थे।
घटना का विवरण
घटना बुधवार की है, जब उमेश महतो किसी काम से अपने गांव से बाहर गए थे। देर शाम तक घर नहीं लौटने पर परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। खोजबीन के दौरान धनयडीह के एक नवनिर्मित तालाब के पास उनका शव मिला। शव मिलने की खबर फैलते ही इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
हत्या का आरोप, ग्रामीणों का प्रदर्शन
मृतक के बेटे रवींद्र महतो ने गांव के कुछ लोगों पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पिता झारखंड आंदोलन के दौरान सक्रिय नेता थे और इस आंदोलन के दौरान उन्होंने छह महीने जेल भी काटी थी। परिजनों और ग्रामीणों ने हत्या की आशंका जताते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि उमेश महतो को साजिश के तहत मौत के घाट उतारा गया है।
पुलिस प्रशासन की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलने पर एसडीपीओ जितवाहन उरांव और मुफस्सिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों को शांत करने का प्रयास किया। पुलिस ने आश्वासन दिया कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। अधिकारियों ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह हत्या का मामला है या सामान्य मौत।
ग्रामीणों में आक्रोश
मृतक के सामाजिक योगदान और आंदोलनकारी इतिहास को देखते हुए ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। वे इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा देने की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने कहा है कि वह हर एंगल से जांच कर रही है और जल्द ही सच्चाई सामने लाई जाएगी।
झारखंड आंदोलन में भूमिका
उमेश महतो झारखंड आंदोलन के सक्रिय नेता थे और उन्होंने राज्य के अलग अस्तित्व के लिए संघर्ष किया था। उनकी इस संदिग्ध मौत ने पूरे क्षेत्र को शोक और आक्रोश में डाल दिया है।
पुलिस प्रशासन की जांच और रिपोर्ट का अब बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है ताकि इस मामले की सच्चाई सामने आ सके।