रिम्स में 418 पदों पर नियुक्ति, डॉक्टर, नर्स और थर्ड व फोर्थ ग्रेड के स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए बड़े स्तर पर भर्ती प्रक्रिया शुरू, जल्द ही स्थायी नियुक्ति से मरीज़ों को मिलेगा बेहतर स्वास्थ्य लाभ
रांची के रिम्स में मैनपावर की कमी को दूर करने के लिए बड़े स्तर पर नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निदेशक डॉ. राजकुमार ने बताया कि अगले छह महीनों में डॉक्टर, नर्स और थर्ड व फोर्थ ग्रेड के 418 पदों पर स्थायी नियुक्ति की जाएगी। इससे अस्पताल में स्टाफ की कमी दूर होगी और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
डॉक्टर और नर्स के लिए नियुक्ति प्रक्रिया जारी
डॉ. राजकुमार ने बताया कि रिम्स में डॉक्टरों के 150 पद, नर्सिंग स्टाफ के 144 पद और थर्ड व फोर्थ ग्रेड के 124 पदों पर नियुक्तियां की जानी हैं। फैकल्टी के लिए जारी विज्ञापन पर 350 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनकी स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को जल्द ही इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। फरवरी के दूसरे सप्ताह से इंटरव्यू शुरू होने की संभावना है।
नर्सिंग स्टाफ की कमी होगी पूरी
आईपीएचएस मानकों के अनुसार, रिम्स के 2200 बेड के लिए तीन शिफ्टों में 1050 नर्सों की आवश्यकता है। फिलहाल, यहां केवल 600 नर्सें कार्यरत हैं। 2002 में बहाल हुईं 350 नर्सों में से 50 सेवानिवृत्त हो चुकी हैं और इस साल 10 और नर्स रिटायर होंगी। नर्सिंग स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए 144 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। फिलहाल इन पदों को रोस्टर क्लीयरेंस के लिए भेजा गया है। रोस्टर क्लीयरेंस के बाद अगले एक से दो महीनों में विज्ञापन जारी किया जाएगा।
सेवानिवृत्त डॉक्टरों के पद भी भरे जाएंगे
पिछले दो वर्षों में रिम्स से न्यूरो सर्जन, फिजिशियन और सर्जन समेत 20 से अधिक वरिष्ठ डॉक्टर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनके पद अब तक खाली हैं, जिनके भरने से मरीजों को लाभ मिलेगा। इन रिक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा।
थर्ड और फोर्थ ग्रेड के पदों पर भर्ती जारी
थर्ड और फोर्थ ग्रेड के 124 पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इनमें से 28 पदों पर नियुक्ति हो चुकी है। शेष पदों के लिए कैंडिडेट्स के डॉक्यूमेंट्स की जांच जारी है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद जरूरत पड़ने पर नए विज्ञापन जारी कर रिक्तियों को भरा जाएगा।
मरीजों को मिलेगा लाभ
रिम्स में बेड की संख्या बढ़कर 2200 हो चुकी है, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थायी नियुक्तियों से न केवल स्टाफ की कमी दूर होगी, बल्कि अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।