झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) ने बिजली बिल न चुकाने वाले 10,000 से अधिक उपभोक्ताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। निगम इन बकायेदारों की बिजली लाइन काटने की तैयारी में है। इसमें घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ कॉमर्शियल और सरकारी उपभोक्ता भी शामिल हैं।
जेबीवीएनएल का कहना है कि घरेलू उपभोक्ताओं के पुराने बकाया को माफ कर दिया गया है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में अब भी कई बड़े बकायेदार हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
बड़े बकायेदारों पर सख्त रुख
निगम ने कॉमर्शियल उपभोक्ताओं और सरकारी विभागों से बकाया वसूलने का फैसला लिया है। इसमें झारखंड के सबसे बड़े बकायेदारों में से एक, एचईसी (हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन), पर 245 करोड़ रुपये का बकाया है। जेबीवीएनएल ने एचईसी को नोटिस भेजकर शीघ्र भुगतान करने की चेतावनी दी है।
बिजली निगम का बढ़ता घाटा चिंता का विषय
जेबीवीएनएल का राजस्व घाटा हर साल बढ़ता जा रहा है। निगम ने अपने घाटे को कम करने और राजस्व बढ़ाने के लिए इस सख्त कदम को उठाने का निर्णय लिया है। झारखंड बिजली वितरण निगम हर साल 8975 करोड़ रुपये की बिजली खरीदता है, जबकि उसे विभिन्न स्रोतों से केवल 7311 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है।
वित्तीय वर्ष के अनुसार घाटे का विवरण
वित्तीय वर्ष | घाटा (करोड़ में) |
2020-21 | 2200 करोड़ |
2021-22 | 2600 करोड़ |
2022-23 | 2400 करोड़ |
2023-24 | 7400 करोड़ |
सरकार और उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील
जेबीवीएनएल ने कहा है कि यदि समय पर बकाया वसूली नहीं की गई, तो निगम का घाटा और बढ़ सकता है। निगम ने सभी उपभोक्ताओं से समय पर बिल भुगतान करने की अपील की है ताकि झारखंड की बिजली व्यवस्था को सुचारु बनाए रखा जा सके।