झारखंड के पूर्व विधायक डॉ. लंबोदर महतो के पुत्र शशि शेखर ने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट अकोंकागुआ (6,961 मीटर) पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराकर प्रदेश और देश का नाम गौरवान्वित किया है। उन्होंने 13 जनवरी को शाम 4 बजे इस कठिन लक्ष्य को हासिल किया। माउंट अकोंकागुआ, जो अर्जेंटीना में स्थित है, दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी होने के साथ-साथ दक्षिणी गोलार्ध और एशिया के बाहर की सबसे ऊंची चोटी है।
शशि शेखर ने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में इस अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया। उन्होंने माइनस 20 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे के तापमान, भारी बर्फबारी और बर्फीले तूफानों का सामना करते हुए इस चोटी पर चढ़ाई की। उन्होंने बताया कि व्हाइटआउट के कारण दृश्यता शून्य हो जाने जैसे कठिन समय में भी उन्होंने आत्मविश्वास और माता-पिता के दिए साहस के बल पर अपने लक्ष्य को हासिल किया।
इस साहसिक अभियान में रांची स्थित लंबोदर एडवेंचर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस संगठन ने न केवल अभियान को प्रायोजित किया बल्कि तकनीकी सहायता भी प्रदान की। शशि शेखर ने इसके पहले भी कई साहसिक अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। उन्होंने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस (5,642 मीटर) फतह की और दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बालकनी क्षेत्र (8,430 मीटर) तक पहुंचने का साहसिक प्रयास किया।
शशि शेखर ने अब सात महाद्वीपों की सभी ऊंची चोटियों पर फतह करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने माउंट लोबुचे ईस्ट (6,119 मीटर), नेपाल, और माउंट मणिरंग (5,500 मीटर), हिमाचल प्रदेश, जैसे अभियानों में भी अपनी क्षमता साबित की है। शशि शेखर का सपना सभी स्वीकृत 8,000 मीटर ऊंचाई वाली चोटियों पर चढ़ाई कर भारत का तिरंगा फहराना है।
उनकी इस अद्भुत सफलता पर उनके माता-पिता, कौशल्या देवी और डॉ. लंबोदर महतो ने गर्व व्यक्त किया है। शशि शेखर की उपलब्धि न केवल झारखंड बल्कि पूरे भारत के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है।