झारखंड सरकार ने राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और राजस्व में वृद्धि के उद्देश्य से आवंटित कोल ब्लॉकों को सक्रिय करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित एक समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सभी 34 आवंटित कोल ब्लॉकों को जल्द से जल्द चालू करने के लिए बाधाओं का समाधान करें. मुख्य सचिव ने कहा कि कोल ब्लॉकों की शुरुआत से न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि उन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी. उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि कोल ब्लॉकों से संबंधित सभी बाधाएं, जैसे भूमि अधिग्रहण, फॉरेस्ट क्लियरेंस और मुआवजा, तय समय सीमा में हल हो जाएं.
चार कोल ब्लॉकों में खनन जल्द शुरू होगा
बैठक में जानकारी दी गई कि पलामू का राजहारा, लातेहार का तुबेद, हजारीबाग का बादम, और मोइत्रा कोल ब्लॉक खनन के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इन चारों कोल ब्लॉकों में खनन कार्य एक सप्ताह के भीतर शुरू कर दिया जाएगा. इसके अलावा, नौ अन्य कोल ब्लॉकों से संबंधित समस्याओं का समाधान भी हो चुका है और वहां भी खनन कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है.
जमीन अधिग्रहण और फॉरेस्ट क्लियरेंस बनी सबसे बड़ी बाधा
समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि इन कोल ब्लॉकों को शुरू करने में मुख्य समस्याएं जमीन अधिग्रहण, फॉरेस्ट क्लियरेंस, और मुआवजा वितरण हैं. इसके अलावा, रेट की गणना, भूमि हस्तांतरण, नदी-नाले और सड़कों से संबंधित मुद्दे भी कार्य में देरी कर रहे हैं. कुछ जगहों पर विधि व्यवस्था की समस्याएं भी सामने आई हैं. मुख्य सचिव ने संबंधित जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे इन बाधाओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करें. उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों को विश्वास में लेकर औपचारिकताएं पूरी की जाएं, ताकि खनन कार्य बिना किसी विवाद के शुरू किया जा सके.
कोल कंपनियों को दिए गए निर्देश
मुख्य सचिव ने कोल ब्लॉकों की देखरेख करने वाली कंपनियों को निर्देश दिया कि वे संबंधित साइटों पर अपने कार्यालय स्थापित करें. उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के तहत कंपनियां क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए काम करें. इसके साथ ही, क्षेत्र में सद्भावना और विश्वास बनाने के लिए स्थानीय लोगों के साथ संवाद कायम करें.
बैठक में उपस्थित अधिकारी
समीक्षा बैठक में वन एवं पर्यावरण सचिव अबू बक्कर सिद्दीख, वित्त सचिव प्रशांत कुमार, राजस्व सचिव चंद्रशेखर, खान सचिव जितेंद्र सिंह, खान निदेशक राहुल सिन्हा, और सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक राजीव लोचन बख्शी मौजूद थे.