झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही बड़ा झटका लग सकता है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने राज्य विद्युत नियामक आयोग को बिजली दरों में 30% बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. फिलहाल घरेलू बिजली की दर 6.65 रुपए प्रति यूनिट है, जिसे बढ़ाकर 8.65 रुपए प्रति यूनिट करने की योजना है. जेबीवीएनएल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि झारखंड सरकार हर महीने 41 लाख उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दे रही है. इस पर हर महीने करीब 344 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है.
बिजली दर बढ़ाने का कारण
जेबीवीएनएल के अनुसार, झारखंड में हर साल 22 हजार से अधिक लोग बिजली चोरी करते हैं, जिससे विभाग को सालाना 45 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है. वर्ष 2023 में विभाग ने बिजली चोरी के 24,399 मामले दर्ज किए, जिससे करीब 47 करोड़ का राजस्व नुकसान हुआ. वहीं, 2024 में जनवरी से दिसंबर तक 21,902 मामलों में बिजली चोरी दर्ज की गई, जिससे विभाग को 43 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. जेबीवीएनएल का कहना है कि मुफ्त बिजली और बिजली चोरी की भरपाई के लिए बिजली दर बढ़ाना जरूरी हो गया है. प्रस्ताव के अनुसार, अप्रैल 2025 में नियामक आयोग जन सुनवाई करेगा और जून में नई बिजली दरों की घोषणा की जा सकती है.
मुफ्त बिजली और सब्सिडी की स्थिति
झारखंड सरकार ने 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का प्रावधान किया है. इसके तहत उपभोक्ताओं को एनर्जी चार्ज, फिक्स्ड चार्ज और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट दी जाती है. 200 से 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वालों को 2.05 रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी मिलती है. वहीं, 400 यूनिट से अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को 6.65 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिल चुकाना पड़ता है.
2024 में बिजली चोरी के मामले
जेबीवीएनएल ने 2024 में बिजली चोरी के 21,902 मामलों में कार्रवाई की। महीनेवार आंकड़े इस प्रकार हैं:
• जनवरी: 3162 केस, 6.25 करोड़ जुर्माना.
• फरवरी: 2693 केस, 5.79 करोड़ जुर्माना.
• मार्च: 2834 केस, 5.65 करोड़ जुर्माना.
• सितंबर: 1772 केस, 4.56 करोड़ जुर्माना.
• नवंबर: 2152 केस, 4.23 करोड़ जुर्माना.
पिछली बार दर बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज हुआ था
सितंबर 2024 में विद्युत नियामक आयोग ने 2024-25 के लिए टैरिफ की घोषणा की थी, लेकिन उस समय बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी. आयोग ने जेबीवीएनएल के बढ़ोतरी प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. हालांकि, इस बार आयोग की जन सुनवाई के बाद दरों में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है.
बिजली चोरी रोकने के प्रयास
जेबीवीएनएल के एटीपी जीएम श्रवण कुमार ने बताया कि विभाग की ओर से बिजली चोरी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. 2023 और 2024 में दर्ज मामलों से वसूले गए जुर्माने में क्रमशः 47 करोड़ और 43 करोड़ रुपए का योगदान रहा.
आर्थिक असर और नई दरों की संभावना
अगर बिजली दरों में 30% की वृद्धि होती है, तो यह झारखंड के लाखों उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डाल सकती है. साथ ही, इससे विभाग को राजस्व घाटा कम करने में मदद मिलेगी. हालांकि, अप्रैल 2025 में होने वाली जन सुनवाई और जून में संभावित घोषणा के बाद ही यह साफ होगा कि उपभोक्ताओं पर इसका कितना असर पड़ेगा.