झारखंड में 31,379 करोड़ रुपये की लागत से 1060 किमी लंबे चार हाईस्पीड कॉरिडोर प्रोजेक्ट मंजूर….

झारखंड राज्य में आवागमन को तेज और सुलभ बनाने के लिए पथ निर्माण विभाग ने चार हाईस्पीड कॉरिडोर का निर्माण शुरू करने की तैयारी कर ली है. इस परियोजना का उद्देश्य राज्य के प्रमुख धार्मिक, पर्यटन स्थलों, जिलों और शहरों को आपस में जोड़कर विकास को गति देना है.

परियोजना की मुख्य जानकारी

चार हाईस्पीड कॉरिडोर की कुल लंबाई 1060 किलोमीटर होगी और इसका निर्माण 31,379 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. झारखंड सरकार के निर्देश पर इस परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पथ निर्माण विभाग ने इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर विभिन्न हिस्सों में तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी है.

चारों कॉरिडोर की लंबाई और लागत:

ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर:

• लंबाई: 335 किमी

• लागत: 15,014 करोड़ रुपये

• रूट: मुरी, चतरा, बरही, बेंगाबाद, सारठ होते हुए दुमका.

ईस्टर्न कॉरिडोर:

• लंबाई: 332 किमी

• लागत: 9,586 करोड़ रुपये

• रूट: साहिबगंज, बरहेट, अमरापारा, जामताड़ा, निरसा, चास होते हुए धनबाद.

नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर:

• लंबाई: 286.4 किमी

• लागत: 4,093 करोड़ रुपये

• रूट: झुमरी तिलैया, अंतकीडीह, बिष्णुगढ़, गोला, मुरी, चाईबासा.

सेंट्रल कॉरिडोर:

• लंबाई: 107.13 किमी

• लागत: 2,685 करोड़ रुपये

• रूट: रांची, ठाकुरगांव, बुढ़मू, टंडवा, सिमरिया होते हुए बगरा मोड़.

ग्रीनफील्ड और फोर लेन निर्माण

परियोजना में ग्रीनफील्ड अलाइनमेंट का उपयोग किया जा रहा है ताकि भूमि अधिग्रहण की कठिनाइयों को कम किया जा सके. सभी कॉरिडोर फोर लेन होंगे, जिससे यातायात में तेज़ी आएगी और दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी.

तकनीकी स्वीकृति और डीपीआर की स्थिति

चारों कॉरिडोर के अलाइनमेंट को अंतिम रूप दिया जा चुका है. इसके लिए कई हिस्सों में डीपीआर तैयार किया जा रहा है. कुछ हिस्सों में तकनीकी सर्वेक्षण भी शुरू हो चुका है.

प्रमुख प्रगति:

• ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का डीपीआर तीन हिस्सों में बनाया जा रहा है.

• सेंट्रल कॉरिडोर के पहले हिस्से में कोडरमा-तिलैया मार्ग का सर्वेक्षण शुरू हो चुका है.

• नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर का निर्माण आठ हिस्सों में किया जाएगा.

मुख्यमंत्री का विज़न

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य राज्य की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना और प्रमुख स्थलों तक आवागमन को सुगम बनाना है. पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने अभियंताओं को इन कॉरिडोरों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया है.

फायदे

• आवागमन में सुधार: इन कॉरिडोरों से जिलों और शहरों के बीच यात्रा समय में कमी आएगी.

• पर्यटन को बढ़ावा: धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक बेहतर पहुंच से राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी.

• विकास को बढ़ावा: यह परियोजना झारखंड के दूरदराज के इलाकों को मुख्यधारा से जोड़ेगी.

• रोजगार के अवसर: निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय लोगों के लिए नौकरियों के अवसर पैदा होंगे.

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