झारखंड में नकली शराब का कारोबार करने वाले हेमराज साव को रातू थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसने पुलिस के सामने कबूल किया कि वह रामगढ़ से झारखंड सरकार का बारकोड लाता था और उसे नकली शराब की बोतलों में लगाकर उन्हें ‘असली’ बना देता था. इस तरह से वह नकली शराब को असली शराब के रूप में बेचता था, जिससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था. पुलिस की टीम अब इस मामले की जांच के लिए रामगढ़ जाने वाली है, जहां से बारकोड बनाने का काम होता था. हेमराज के मुताबिक, वह रामगढ़ से बारकोड लेकर आता था और उसे नकली शराब की बोतल पर लगा देता था. यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि वह फर्जी बारकोड इस्तेमाल करता था या फिर असली बारकोड लाकर उसे नकली शराब में लगाता था. पुलिस ने बताया कि बारकोड के माध्यम से नकली शराब को असली दिखाकर बेचा जाता था, जिससे अवैध शराब कारोबार को बढ़ावा मिलता था और सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था. हेमराज ने बताया कि वह कबाड़ी वालों से शराब की खाली बोतलें खरीदता था और फिर उन्हें अच्छे से साफ करके उनमें नकली शराब भरता था. इसके बाद बोतल को पैक किया जाता और झारखंड सरकार का बारकोड लगाया जाता. इस तरीके से वह शराब को असली दिखा कर होटल मालिकों और अवैध शराब के कारोबारियों को सप्लाई करता था. इस प्रकार नकली शराब को असली शराब के रूप में बेचा जाता था, जिससे लोगों की जान भी जोखिम में पड़ रही थी. पुलिस ने बताया कि हेमराज ने यह भी बताया कि वह शराबबंदी के दिनों में होटल संचालकों को आसानी से नकली शराब सप्लाई करता था, क्योंकि इस दौरान शराब की मांग अधिक होती थी और होटल मालिक अवैध शराब का कारोबार करने के लिए लालायित रहते थे. हेमराज ने कई होटलों के नाम भी बताए हैं, जहां वह नकली शराब की सप्लाई करता था. पुलिस इस मामले में हेमराज के जीजा ईश्वर साव और बहन रीता देवी की तलाश कर रही है. हेमराज का कहना है कि वह इस कारोबार में सिर्फ एक सहयोगी था, जबकि उसका जीजा और बहन इसके मुख्य आरोपित हैं. घर में छापेमारी करने के बाद दोनों फरार हो गए हैं, लेकिन पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके मोबाइल के लोकेशन का पता लगा रही है. हेमराज ने पुलिस को बताया कि उसके इस अवैध शराब कारोबार में उसका परिवार भी शामिल था, और यह सब वह अधिक पैसा कमाने के लिए कर रहा था. पुलिस ने इस मामले में कई होटलों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बनाई है, जहां नकली शराब बेची जाती थी.