गढ़वा जिले के खरौंधी प्रखंड में झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है. यहां कंप्यूटर ऑपरेटरों की मिलीभगत से कई महिलाओं का निबंधन उनके चहेते महिला-पुरुषों के बैंक खातों से लिंक कर दिया गया है. नतीजतन, एक ही महिला के बैंक खाते में आठ लाभुकों की राशि पहुंच रही है, जबकि कुछ पुरुषों के खाते में भी महिलाओं की योजना की राशि ट्रांसफर हो रही है.
कृपा पंचायत का मामला
यह मामला खरौंधी प्रखंड की कृपा पंचायत का है. यहां सत्वनारायण गुप्ता के खाते में छह महिलाओं की योजना राशि ट्रांसफर हो रही है. इसी तरह, सत्येंद्र साह, मुकेश शाह, लालती देवी और रेशम देवी के खातों में भी अन्य महिलाओं की योजना की राशि जा रही है. लालती देवी के खाते में तो आठ महिलाओं की राशि ट्रांसफर हो चुकी है. इस गड़बड़ी के कारण, जिन महिलाओं का निबंधन हुआ है, वे योजना की राशि न मिलने पर कार्यालयों का चक्कर लगा रही हैं. वहीं, जिनके खाते में यह राशि पहुंच रही है, उन्हें इस पैसे का आधा हिस्सा बतौर कमीशन कंप्यूटर ऑपरेटरों को देना पड़ता है.
बीडीओ ने जांच का दिया आश्वासन
मामला उजागर होने के बाद खरौंधी के बीडीओ रविंद्र कुमार ने कहा कि इस गड़बड़ी की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने आशंका जताई कि यह गड़बड़ी केवल कृपा पंचायत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रखंड में ऐसा खेल हो सकता है.
रंका में महिलाओं का विरोध प्रदर्शन
उधर, गढ़वा प्रखंड के रंका-बौलिया पंचायत में मंईयां सम्मान योजना की लाभुक सूची से नाम काटे जाने का मामला गरमा गया. इस पंचायत की महिलाओं ने सोमवार को प्रखंड कार्यालय स्थित बीडीओ के कक्ष में घुसकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. महिलाओं का आरोप था कि पंचायत की मुखिया पतिया देवी और पंचायत सचिव विनोद प्रसाद गुप्ता ने साजिश रचकर सूची से उनके नाम हटा दिए, जिससे उनके बैंक खातों में इस बार योजना की राशि नहीं पहुंची.
महिलाओं ने किया हंगामा
प्रखंड कार्यालय में आक्रोशित महिलाओं ने बीडीओ के चेंबर में हंगामा किया और कार्यालय के सहायक राजीव दुबे को भी खरी-खोटी सुनाई. बढ़ते हंगामे को देखते हुए पुलिस को बुलाना पड़ा. स्थिति शांत कराने के लिए बीडीओ ने जांच का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
कंप्यूटर ऑपरेटरों पर आरोप
कंप्यूटर ऑपरेटरों पर आरोप है कि वे महिलाओं का निबंधन करते समय उनके खातों को अपने परिचितों के खातों से लिंक कर रहे हैं. इस खेल में ऑपरेटर लाभुकों की योजना राशि का बड़ा हिस्सा कमीशन के रूप में वसूल रहे हैं.
महिलाओं का दुख
जिन महिलाओं की राशि ट्रांसफर नहीं हुई है, वे अब अपने निबंधन की स्थिति जानने और समस्या का समाधान करवाने के लिए बार-बार कार्यालय का चक्कर काट रही हैं. यह योजना महिलाओं को आर्थिक सहारा देने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन गड़बड़ी के कारण महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.