रांची के पहाड़ी मंदिर के दान पात्रों से 3.02 लाख रुपए के साथ मिली 3 विदेशी मुद्राएं….

झारखंड की राजधानी रांची स्थित पहाड़ी मंदिर के 11 दान पात्रों को खोलने पर 3.02 लाख रुपए से अधिक की धनराशि प्राप्त हुई है. इनमें 3 विदेशी मुद्राएं भी मिली हैं. अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) सदर उत्कर्ष कुमार के आदेश पर कार्यपालक दंडाधिकारी शाइनी तिग्गा की उपस्थिति में दान पात्रों को खोला गया. इस प्रक्रिया में पहाड़ी मंदिर के कोषाध्यक्ष, प्रबंधन समिति के सदस्य, कर्मचारी और कई श्रद्धालु उपस्थित थे.

3.02 लाख की कुल राशि में सिक्के और नोट शामिल

दान पात्रों से कुल 3,02,525 रुपए की राशि निकली, जिसमें 2,42,305 रुपए नोटों के रूप में और 60,220 रुपए सिक्कों के रूप में थे. गिनती के दौरान दान पात्रों से 500 रुपए, 100 रुपए, 50 रुपए, 20 रुपए और 10 रुपए के नोटों के साथ-साथ 1 रुपए से लेकर 20 रुपए तक के सिक्के मिले.

नोटों की गिनती और विदेशी मुद्रा की बरामदगी

दान पात्रों में सबसे ज्यादा 500 रुपए के नोट मिले, जिनकी कुल राशि 71,500 रुपए थी. इसके अलावा 100 रुपए के 50,000 नोट, 50 रुपए के 36,150 नोट, 20 रुपए के 36,000 नोट और 10 रुपए के 28,000 नोट बरामद हुए. कुल 20,655 रुपए के मिक्स नोट (विभिन्न मूल्य वर्ग के) भी मिले. गिनती के दौरान 3 विदेशी मुद्राएं भी बरामद हुईं, जो मंदिर में आने वाले विदेशी श्रद्धालुओं द्वारा दान स्वरूप डाली गई होंगी.

सिक्कों की बड़ी मात्रा में बरामदगी

दान पात्रों से बड़ी संख्या में सिक्के भी निकले. इनमें 20 रुपए के 1,520 सिक्के, 10 रुपए के 30,000 सिक्के, 5 रुपए के 13,000 सिक्के, 2 रुपए के 11,000 सिक्के और 1 रुपए के 4,700 सिक्के शामिल थे. सिक्कों और नोटों की कुल राशि को अलग-अलग गिनकर मंदिर के कोषाध्यक्ष की देखरेख में सूचीबद्ध किया गया.

दान राशि का उपयोग और प्रबंधन

दान पात्रों से प्राप्त राशि को जल्द ही बैंक में जमा किया जाएगा. यह धनराशि मंदिर की देखरेख, मरम्मत और धार्मिक कार्यों के लिए उपयोग की जाती है. पहाड़ी मंदिर के प्रबंधन ने इस बात पर जोर दिया कि श्रद्धालुओं की ओर से दिए गए दान का उपयोग मंदिर के विकास और सुविधाओं को बेहतर बनाने में किया जाएगा.

गिनती के दौरान मंदिर प्रबंधन और श्रद्धालुओं की उपस्थिति

रुपए और सिक्कों की गिनती के दौरान मंदिर के कोषाध्यक्ष कृष्ण कन्हैया, राजेश गाड़ोदिया, मदन लाल पारीक, सुनील माथुर और दयाशंकर शर्मा मौजूद थे. इसके अलावा, पहाड़ी मंदिर प्रबंधन समिति के अन्य सदस्य, कर्मचारी और श्रद्धालु भी इस प्रक्रिया में उपस्थित रहे. पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया गया.

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से मंदिर की लोकप्रियता

रांची का पहाड़ी मंदिर न केवल झारखंड बल्कि देश-विदेश के श्रद्धालुओं के बीच भी काफी लोकप्रिय है. यह मंदिर अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है. हर साल यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं और अपनी आस्था के रूप में दान देते हैं.

विदेशी मुद्रा की बरामदगी का महत्व

दान पात्रों में से 3 विदेशी मुद्राओं का मिलना इस बात का प्रमाण है कि पहाड़ी मंदिर में विदेशी श्रद्धालु भी आते हैं. हालांकि इन मुद्राओं का प्रकार और मूल्य अभी स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन इससे यह साफ होता है कि मंदिर की ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैली हुई है.

मंदिर का दान पात्र खोलने की प्रक्रिया

मंदिर के दान पात्रों को एक निर्धारित समय पर खोला जाता है, जिसमें पूरी पारदर्शिता बरती जाती है. यह प्रक्रिया एसडीओ या अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में होती है. इस बार भी अनुमंडल पदाधिकारी सदर के आदेश पर दान पात्र खोले गए और कार्यपालक दंडाधिकारी की उपस्थिति में राशि गिनी गई.

मंदिर के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम

दान पात्रों से प्राप्त धनराशि का उपयोग मंदिर के रखरखाव, विकास और आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने में किया जाएगा. मंदिर प्रबंधन समिति का कहना है कि इस राशि का एक हिस्सा सामाजिक कार्यों और धार्मिक आयोजनों के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा.

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