आईटी टावर से झारखंड में बढ़ेगी तकनीकी आत्मनिर्भरता, रोजगार के नए अवसर मिलेंगे: हेमंत सोरेन…..

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के नामकुम स्थित आईटी टावर परियोजना की सराहना की है, जो राज्य के युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार के नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना झारखंड को डिजिटल युग में समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी. आईटी टावर राज्य के तकनीकी और औद्योगिक विकास को नई दिशा देगा, जिससे झारखंड के युवा तकनीकी क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकेंगे और राज्य का समग्र विकास होगा.

आईटी टावर का उद्देश्य और महत्व

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आईटी टावर झारखंड के डिजिटल और तकनीकी विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य झारखंड के युवाओं को डिजिटल कौशल प्रदान करना और उन्हें रोजगार के अवसरों से जोड़ना है. उन्होंने यह भी बताया कि यह टावर राज्य को तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि यह झारखंड को एक प्रमुख तकनीकी केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी मदद करेगा. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि आईटी टावर झारखंड के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाएगा, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और राज्यवासियों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे.

आईटी टावर की विशेषताएं और संरचना

आईटी टावर को झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (JIADA) की देखरेख में विकसित किया गया है और यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. इस टावर का संरचनात्मक डिज़ाइन G + 5 फ्लोर की है और इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 40,000 वर्ग फीट है. यह टावर तकनीकी और डिजिटल व्यवसायों के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करेगा. इसके अलावा, यह परियोजना राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस परियोजना के जरिए राज्य सरकार झारखंड को डिजिटल रूप से सशक्त और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि आईटी टावर के निर्माण से राज्य में नई तकनीकी और डिजिटल कंपनियों को स्थापित होने का अवसर मिलेगा, जो युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलेंगी.

दीर्घकालिक पट्टे पर आवेदन

झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (JIADA) ने इस परियोजना के तहत रांची के नामकुम औद्योगिक क्षेत्र में स्थित आईटी टावर के दीर्घकालिक पट्टे के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. यह पट्टा 30 वर्षों के लिए होगा और इसमें प्रतिष्ठित संगठनों और योग्य IT/ITES संस्थाओं से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे. इसके लिए अंतिम तिथि 15 फरवरी 2025 निर्धारित की गई है. इस दीर्घकालिक पट्टे के तहत यह परियोजना तकनीकी और डिजिटल व्यवसायों के लिए एक प्रमुख केंद्र बनेगी. आईटी टावर का उद्देश्य न केवल राज्य के तकनीकी विकास को बढ़ावा देना है, बल्कि यह रांची और पूरे झारखंड के औद्योगिक क्षेत्र को भी सशक्त बनाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पहल को राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया और कहा कि इससे न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यहां के युवाओं के लिए बेहतर करियर और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे.

आईटी टावर और राज्य के विकास की दिशा

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि आईटी टावर का निर्माण राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेगा. राज्य सरकार का उद्देश्य है कि झारखंड को एक प्रमुख तकनीकी हब के रूप में स्थापित किया जाए, जहां न केवल बड़े संगठनों का समावेश हो, बल्कि छोटे और मंझले उद्यमों को भी बढ़ावा मिले. इससे राज्य के युवाओं को नौकरी, कौशल विकास और अन्य व्यापारिक अवसर मिलेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह भी उल्लेख किया कि इस परियोजना का दीर्घकालिक प्रभाव होगा, जो राज्य की समग्र प्रगति और भविष्य में रोजगार के अवसरों को सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजना है कि झारखंड को तकनीकी और डिजिटल क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित किया जाए, जिससे न केवल स्थानीय युवा लाभान्वित होंगे, बल्कि राज्य की समग्र आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा.

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