धनबाद के बाघमारा क्षेत्र में गुरुवार को तनाव और हिंसा का माहौल देखने को मिला। हिल टॉप राइज आउटसोर्सिंग कंपनी और स्थानीय रैयतों के बीच जमीन मुआवजे को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद ने अचानक हिंसक रूप धारण कर लिया। इस दौरान इलाके में दर्जनों बम धमाके हुए और गोलियां चलने की आवाज से लोग सहम गए।
इस हिंसा में गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी के कार्यालय को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। कार्यालय में मौजूद दस्तावेज और अन्य सामान पूरी तरह जलकर खाक हो गए। घटना के दौरान बाघमारा के एसडीपीओ को चोटें आईं और एक व्यक्ति गोली लगने से घायल हो गया। घायल व्यक्ति को तुरंत धनबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, यह विवाद हिल टॉप राइज आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा रैयतों की जमीन पर बिना मुआवजा और नौकरी दिए चारदीवारी बनाने को लेकर शुरू हुआ। रैयतों का कहना है कि कंपनी ने उनकी जमीन का अधिग्रहण बिना किसी पूर्व सूचना और उचित मुआवजे के कर लिया। जब रैयतों ने इसका विरोध किया, तो कंपनी ने निर्माण कार्य जारी रखा, जिससे विवाद ने हिंसक रूप ले लिया।
हिंसा की खबर फैलते ही कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। लेकिन प्रारंभ में पुलिस बल की संख्या कम होने के कारण स्थिति को नियंत्रित करने में दिक्कतें आईं। बाद में अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया, जिसने काफी मशक्कत के बाद उपद्रवियों को खदेड़ दिया। फिलहाल इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, और स्थिति नियंत्रण में है।
इस घटना के पीछे बीसीसीएल के क्षेत्र संख्या 3 में एमडीओ के तहत हिल टॉप एजेंसी का विवादित निर्माण कार्य बताया जा रहा है। गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने इससे पहले महाप्रबंधक जी.सी. साह को स्पष्ट चेतावनी दी थी कि रैयतों को उचित मुआवजा और नौकरी दिए बिना कोई कार्य नहीं किया जाएगा। सांसद की इस चेतावनी को नजरअंदाज कर निर्माण कार्य शुरू किए जाने से विवाद गहराता गया।
स्थानीय रैयतों का कहना है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। उनका आरोप है कि उनकी जमीन हड़पने के बाद कंपनी ने उनके हितों की अनदेखी की। स्थानीय लोग अपने हक के लिए प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन विवाद बढ़ता गया और हिंसा में तब्दील हो गया।
धनबाद प्रशासन ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों ने कहा कि विवाद के समाधान के लिए दोनों पक्षों के साथ बैठक की जाएगी। प्रशासन ने यह भी चेतावनी दी है कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बाघमारा में हुई इस घटना ने एक बार फिर जमीन अधिग्रहण और मुआवजे से जुड़े मुद्दों को उजागर किया है। प्रशासन और कंपनियों को इन मामलों में संवेदनशीलता और पारदर्शिता बरतने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। फिलहाल इलाके में शांति कायम रखने के लिए सुरक्षा बल तैनात हैं और स्थिति सामान्य करने के प्रयास जारी हैं।