झारखंड में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति अब उत्तर प्रदेश के मॉडल पर की जाएगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. इसके साथ ही राज्य में डीजीपी चयन और नियुक्ति से संबंधित नियमावली को औपचारिक रूप दिया गया. यह नियमावली सुप्रीम कोर्ट के 13 मार्च 2019 को पारित आदेश के अनुसार तैयार की गई है. इस निर्णय से राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था बनाए रखने और प्रशासनिक सुधारों में मदद मिलेगी.
नए नियमों के तहत डीजीपी चयन प्रक्रिया
नियमावली के अनुसार, डीजीपी पद के लिए केवल उन्हीं अधिकारियों को पैनल में शामिल किया जाएगा जिनकी सेवानिवृत्ति में कम से कम छह महीने का समय शेष होगा. इसके साथ ही, यदि किसी परिस्थिति में राज्य सरकार को बेहतर प्रशासन और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीजीपी को कार्यकाल पूरा होने से पहले पद से हटाने की आवश्यकता होगी, तो अब यह अधिकार सरकार के पास रहेगा. इस उद्देश्य से एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी की अध्यक्षता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे. इसमें एक सेवानिवृत्त डीजीपी, राज्य के मुख्य सचिव, गृह विभाग के अधिकारी और यूपीएससी के प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह कमेटी डीजीपी पद के लिए योग्य अधिकारियों का पैनल तैयार करेगी.
कैबिनेट में अन्य महत्वपूर्ण फैसले
कैबिनेट बैठक में डीजीपी चयन से जुड़े निर्णय के साथ-साथ कई अन्य अहम फैसले भी लिए गए.
- झारखंड विधानसभा का बजट सत्र
कैबिनेट ने झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की तारीखों को भी मंजूरी दे दी. यह सत्र 24 फरवरी से शुरू होगा और 27 मार्च तक चलेगा. आगामी वित्तीय वर्ष का वार्षिक बजट 3 मार्च को पेश किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी बजट 3 मार्च को ही पेश किया गया था. बजट सत्र से संबंधित अधिसूचना राज्यपाल की सहमति के बाद जारी की जाएगी.
- प्री-बजट कार्यशाला के लिए नॉलेज पार्टनर का चयन
प्री-बजट कार्यशाला के आयोजन के लिए संत जेवियर्स कॉलेज की सहायक प्राध्यापक डॉ. सीमा अखौरी और उनकी टीम को नॉलेज पार्टनर के रूप में नामित किया गया है. यह कार्यशाला बजट की तैयारी में तकनीकी और नीतिगत सहायता प्रदान करेगी.
- झारखंड ऊर्जा विकास निगम में संशोधन
कैबिनेट ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड और इसकी अनुषंगी कंपनियों में प्रबंध निदेशक और निदेशक पदों पर नियुक्ति के लिए नियमों में संशोधन को मंजूरी दी. अब इन पदों पर सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 65 वर्ष कर दी गई है.
- राज्य में एम्स की स्थापना
देवघर जिले में एक नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना को लेकर भी कैबिनेट ने महत्वपूर्ण फैसला लिया. राज्य सरकार और भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच इस परियोजना के लिए सहमति बनी है. इसके लिए एमओयू के प्रारूप को स्वीकृति दे दी गई है. यह परियोजना झारखंड में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की दिशा में एक बड़ा कदम है.
- विशेष न्यायालय का गठन
गढ़वा जिले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के संशोधित प्रावधानों के तहत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1, नगर उंटारी को विशेष न्यायालय का दर्जा दिया गया है. यह निर्णय इन समुदायों को त्वरित न्याय प्रदान करने में सहायक होगा.
अन्य निर्णय
• झारखंड अवर शिक्षा सेवा में पद चिन्हितीकरण: शिक्षा विभाग में पूर्व में सृजित पदों के आधार पर आवश्यकतानुसार पदों का चिन्हितीकरण करने की स्वीकृति दी गई.
• झारखंड परिचारिका गैर-शैक्षणिक संवर्ग नियमावली: झारखंड परिचारिका गैर-शैक्षणिक संवर्ग (नियुक्ति, प्रोन्नति एवं अन्य सेवा शर्त) नियमावली, 2025 को मंजूरी दी गई.