झारखंड में HMPV वायरस से सतर्कता, रिम्स और अस्पतालों में जांच और आइसोलेशन की तैयारी तेज…..

पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के मामलों की पुष्टि के बाद झारखंड के स्वास्थ्य विभाग ने भी सतर्कता बढ़ा दी है. मंगलवार को इस संबंध में एडवाइजरी जारी की गई, जिसमें अस्पतालों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए. रांची के रिम्स समेत सदर अस्पताल और अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को सतर्क किया गया है. संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए रिम्स में जांच शुरू करने की तैयारी की जा रही है.

रिम्स में 50 जांच किट मंगवाई जा रही हैं

रिम्स प्रबंधन ने बताया कि एचएमपीवी की जांच के लिए पहले चरण में 50 किट मंगवाई जा रही हैं. इसके बाद दूसरे चरण में 500 किट मंगाई जाएंगी. अगले तीन दिनों में जांच प्रक्रिया शुरू करने की योजना है. रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार ने बताया कि जांच कोविड की तरह ही स्वैब से की जाएगी. इसके अलावा, सदर अस्पताल में भी सैंपल कलेक्शन शुरू होगा.

आइसोलेशन बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था

सरकारी निर्देशों के बाद सदर अस्पताल में 30 आइसोलेशन बेड रिजर्व कर दिए गए हैं. रिम्स ने भी हर वार्ड में ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि सभी सीएचसी को भी अलर्ट पर रखा गया है. संक्रमण के गंभीर मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाएगा.

क्या है एचएमपीवी वायरस?

रिम्स के निदेशक डॉ. राजकुमार ने बताया कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है. यह मुख्य रूप से गले तक ही सीमित रहता है और फेफड़ों तक संक्रमण बहुत कम मामलों में पहुंचता है. 5 से 16 प्रतिशत मामलों में संक्रमण गले से नीचे जाता है, जिससे निमोनिया होने की संभावना रहती है. हालांकि, इसे सामान्य उपचार से ठीक किया जा सकता है.

लक्षण और सावधानियां

रिम्स के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पीके चौधरी के अनुसार, एचएमपीवी के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं. इनमें बुखार, खांसी, नाक बंद होना, थकान, सांस लेने में तकलीफ और कमजोरी शामिल हैं. बुजुर्गों और बच्चों को इस वायरस से ज्यादा खतरा है. डॉक्टरों ने बताया कि संक्रमण से बचने के लिए कोविड जैसे प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है.

• मास्क पहनें.

• हाथों को सैनिटाइज करें.

• भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें.

• किसी भी लक्षण के सात दिनों तक रहने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

रिम्स में ऑक्सीजन और आइसोलेशन पर जोर

रिम्स प्रबंधन ने अस्पताल के सभी विभागों में ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. गंभीर मरीजों की जांच और इलाज में यह मददगार होगा. इसके साथ ही, आइसोलेशन वार्ड को भी तैयार रखा गया है. संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अस्पतालों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य कर दिया गया है.

फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं

डॉ. राजकुमार ने कहा कि इस वायरस से घबराने की आवश्यकता नहीं है. यह ज्यादातर मामूली संक्रमण की तरह है और सामान्य उपचार से ठीक हो सकता है. सतर्कता और सावधानी बरतने से संक्रमण को रोका जा सकता है. विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों को अतिरिक्त ध्यान देने की सलाह दी गई है.

संक्रमण के बचाव के उपाय

• संक्रमण से बचने के लिए मास्क का उपयोग करें.

• नियमित रूप से हाथ धोएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें.

• कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी गई है.

• संक्रमण की संभावना होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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