राज्य सरकार ने झारखंड में सिपाही भर्ती प्रक्रिया को अधिक सरल और सुरक्षित बनाने की दिशा में कदम उठाया है. अब सभी प्रकार की सिपाही भर्तियों के लिए एक समान नियमावली बनाई जाएगी. इसके लिए मौजूदा नियमावली में संशोधन किया जा रहा है.
दूसरे राज्यों के मॉडल का अध्ययन
झारखंड सरकार, विशेष रूप से गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, अन्य राज्यों की सिपाही भर्ती नियमावलियों का अध्ययन कर रही है. इनमें पंजाब, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों की नियमावलियां शामिल हैं. इनसे प्रेरणा लेते हुए राज्य के लिए उपयुक्त और व्यावहारिक नियमावली तैयार की जाएगी.
पृष्ठभूमि और संशोधन की आवश्यकता
हाल ही में उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान शारीरिक दक्षता जांच में कई अभ्यर्थियों की मौत की घटनाएं सामने आईं. इससे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मौजूदा नियमावली में संशोधन का आदेश दिया. वर्तमान में, शारीरिक दक्षता परीक्षा के तहत अभ्यर्थियों को एक घंटे में 10 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होती है. यह नियमावली वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार द्वारा लागू की गई थी. इससे पहले, पुरानी नियमावली के अनुसार अभ्यर्थियों को 5 मिनट में 1.6 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होती थी. लेकिन हाल की घटनाओं ने यह दिखाया कि मौजूदा प्रक्रिया अभ्यर्थियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है.
संशोधन के संभावित बदलाव
संशोधित नियमावली में दौड़ की दूरी और समय को कम करने पर विचार किया जा रहा है. अब इसे सेना और अन्य राज्यों की पुलिस भर्तियों में अपनाई जाने वाली शारीरिक दक्षता परीक्षाओं के अनुरूप बनाया जाएगा. उदाहरण के लिए, कुछ राज्यों में 1.6 किलोमीटर की दौड़ के लिए 6.5 मिनट का समय निर्धारित है. झारखंड भी इसी दिशा में बदलाव की तैयारी कर रहा है.
संशोधित नियमावली की प्रक्रिया
संशोधित नियमावली को अंतिम रूप देने के बाद इसे राज्य मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए इसे लागू किया जाएगा.
मुख्यमंत्री की पहल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्पष्ट किया कि शारीरिक दक्षता परीक्षाओं को अभ्यर्थियों के लिए अधिक सुरक्षित और मानवीय बनाया जाएगा. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि नए नियमों के तहत अभ्यर्थियों पर अनावश्यक शारीरिक दबाव नहीं डाला जाएगा.
नियमावली में पारदर्शिता और समरूपता
संशोधित नियमावली का उद्देश्य झारखंड में सिपाही भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी और सभी वर्गों के लिए समान बनाना है. इसमें झारखंड पुलिस, उत्पाद सिपाही और अन्य संबंधित विभागों के लिए एक ही नियमावली लागू होगी.