क्रिसमस मिलन समारोह: द्रोणा बचपन पब्लिक स्कूल में बच्चों ने मनाया खुशी का पर्व….

पाकुड़ के द्रोणा बचपन पब्लिक स्कूल में मंगलवार को क्रिसमस मिलन समारोह का भव्य आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम बच्चों और शिक्षकों के बीच उत्साह और खुशी से भरपूर रहा. समारोह की शुरुआत केक काटकर हुई, जिसमें विद्यालय के अध्यक्ष नलिन मिश्रा और शिक्षकों ने बच्चों को केक खिलाया. इस अवसर पर बच्चों ने कई सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियों में भाग लिया और उत्सव को यादगार बनाया.

क्रिसमस का महत्व

विद्यालय के अध्यक्ष नलिन मिश्रा ने अपने संबोधन में क्रिसमस के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “क्रिसमस सांस्कृतिक महत्ववाला एक खुशी का पर्व है, जो ईसाई धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. हर साल 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में यह पर्व मनाया जाता है. हालांकि, इसकी धार्मिक जड़ों से परे यह एक वैश्विक सांस्कृतिक त्योहार के रूप में भी विकसित हो चुका है. इसे ‘बड़ा दिन’ भी कहा जाता है क्योंकि यह खुशी और प्रेम का संदेश देता है.” अध्यक्ष ने बताया कि क्रिसमस केवल ईसाई धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवता, भाईचारे और त्याग का प्रतीक है. इस दिन लोग एक-दूसरे के साथ खुशी साझा करते हैं, उपहार देते हैं और प्रेम का आदान-प्रदान करते हैं.

ईसा मसीह की जीवनी पर प्रकाश

कार्यक्रम में विद्यालय के सचिव निरंजन मिश्रा ने ईसा मसीह के जीवन और उनके संदेशों पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि ईसा मसीह का जन्म फिलिस्तीन के बेथलहेम शहर में हुआ था. उनके पिता का नाम जोसफ और माता का नाम मरियम था. बेथलहेम शहर वर्तमान में इजरायल की राजधानी येरुशलम से लगभग 10 किलोमीटर दूर सेंट्रल वेस्ट बैंक में स्थित है. सचिव ने बताया कि ईसा मसीह के जन्म के साथ ही अंग्रेजी कैलेंडर की शुरुआत हुई, जिसे आज पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त है. उन्होंने कहा, “ईसा मसीह ने अपने जीवन के माध्यम से मानवता, त्याग और भाईचारे का संदेश दिया. उन्होंने समाज को एकजुट करने और प्यार का आदान-प्रदान करने की शिक्षा दी. उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और मानव समाज को बेहतर बनाने में सहायक हैं.

कार्यक्रम की झलकियां

समारोह में बच्चों ने कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं. नृत्य, गीत और नाट्य रूपांतरण के जरिए उन्होंने ईसा मसीह के जीवन और उनके संदेशों को व्यक्त किया. बच्चों की रचनात्मकता और उत्साह ने सभी को प्रभावित किया. कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षकों ने किया, जिन्होंने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. स्कूल परिसर में सजावट का विशेष ध्यान रखा गया था. रंग-बिरंगे बल्ब, क्रिसमस ट्री और सजावटी सामान ने माहौल को और भी उत्सवमय बना दिया.

क्रिसमस: खुशी और उत्साह का प्रतीक

अध्यक्ष और सचिव ने बच्चों को बताया कि क्रिसमस का त्योहार सभी धर्मों और समुदायों के लिए प्रेम, भाईचारे और मानवता का संदेश लेकर आता है. यह दिन न केवल ईसाई समुदाय के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे ईसा मसीह की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाएं और समाज को बेहतर बनाने में योगदान दें.

समारोह का समापन

कार्यक्रम का समापन उत्सव के माहौल में हुआ. बच्चों और शिक्षकों ने मिलकर क्रिसमस के गीत गाए और खुशी साझा की. विद्यालय परिवार ने एकजुट होकर इस पर्व को मनाया और आपसी सहयोग और सद्भाव का संदेश दिया.

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