झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी और पेपर लीक मामले की जांच अब सीआइडी करेगी. इस संबंध में झारखंड सरकार ने सोमवार को सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया. सीएम ने झारखंड पुलिस के डीजीपी अनुराग गुप्ता को मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए. इसके तहत, सीआइडी के आईजी सुदर्शन मंडल के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. रातू थाना में 20 दिसंबर को इस मामले में दर्ज केस को सीआइडी ने टेकओवर कर लिया है. इसके अलावा, अगर इस मामले से जुड़े अन्य स्थानों पर भी कोई मामला दर्ज होगा, तो उसकी जांच भी सीआइडी करेगी. हजारीबाग के एक ट्यूटर द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुई कार्रवाई
झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने इस मामले में कदम उठाया है. हजारीबाग के सारुकुदर मंगरों निवासी और पेशे से ट्यूटर राजेश प्रसाद ने रातू थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी. उनकी शिकायत के अनुसार, 22 नवंबर को विभिन्न जिलों में आयोजित सीजीएल परीक्षा के दौरान बलियापुर केंद्र पर परीक्षा शुरू होने से पहले एक अज्ञात व्यक्ति मोबाइल पर बात करते हुए कुछ लिख रहा था. राजेश प्रसाद ने बताया कि यह सब देखकर उन्होंने उसकी तस्वीर अपने मोबाइल में कैद कर ली. लेकिन तस्वीर खींचने के बाद वह व्यक्ति कागज फाड़कर मौके से फरार हो गया. इस घटना ने परीक्षा प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए.
अन्य केंद्रों पर भी गड़बड़ी के प्रमाण
सिर्फ बलियापुर ही नहीं, बल्कि धनबाद स्थित कुमार बीएड कॉलेज, हजारीबाग के दुमरौंन और रातू स्थित मखमंदरो केंद्र पर भी ऐसी ही गड़बड़ियों की खबरें सामने आईं. धनबाद के एक परीक्षार्थी आशीष ने इस घटना की वीडियो क्लिप बनाई, जिसमें पेपर लीक का मामला साबित हुआ. आशीष ने आरोप लगाया कि परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवा बंद होने के बावजूद आरोपी व्यक्ति ने किसी अन्य मोबाइल धारक से बातचीत की. इसने यह स्पष्ट कर दिया कि पेपर लीक में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है.
सरकार की सख्त कार्रवाई
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है. सीआइडी आईजी सुदर्शन मंडल के नेतृत्व में गठित एसआईटी इन सभी पहलुओं की जांच करेगी. डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि रातू थाना में दर्ज मामले के अलावा अगर अन्य स्थानों पर भी इस तरह के मामले सामने आते हैं, तो उनकी जांच भी सीआइडी द्वारा की जाएगी. रातू थाना में दर्ज केस के अनुसंधानकर्ता डीएसपी अमर कुमार पांडेय हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले में जो भी सबूत और गवाह सामने आएंगे, उनकी जांच प्राथमिकता के साथ की जाएगी.
प्राथमिकी में लगाए गए आरोप
प्राथमिकी के अनुसार, ट्यूटर राजेश प्रसाद ने अपने छात्र रामचंद्र मंडल के हवाले से कहा कि परीक्षा केंद्र पर अज्ञात व्यक्ति की गतिविधियां संदिग्ध थीं. उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार ने परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी, तो आरोपी दूसरे मोबाइल धारक से बातचीत कैसे कर रहा था? यह मामला झारखंड की सरकारी परीक्षाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाता है. हाईकोर्ट के निर्देश पर की जा रही इस जांच से उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को सजा दी जाएगी और भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा.