झारखंड प्रशासनिक सेवा के दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रीलिमिनरी इंक्वायरी (पीई) दर्ज की है. इन अधिकारियों में रांची के बड़गाईं अंचल के पूर्व अंचलाधिकारी (सीओ) शैलेश कुमार और मनोज कुमार शामिल हैं. दोनों पर न केवल जमीन घोटाले में संलिप्तता के गंभीर आरोप हैं, बल्कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के भी पुख्ता साक्ष्य मिले हैं.
जमीन घोटाले में फंसे अफसर
बड़गाईं जमीन घोटाले की जांच के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को कई ऐसे साक्ष्य मिले, जो इन अधिकारियों की संलिप्तता को दर्शाते हैं. एसीबी ने इस आधार पर राज्य सरकार को पत्र भेजकर मामले में विस्तृत जांच की अनुमति मांगी थी. सरकार से अनुमति मिलते ही दोनों अफसरों के खिलाफ अलग से पीई दर्ज कर ली गई.
छापेमारी में मिले थे भारी मात्रा में नकद और दस्तावेज
सितंबर 2023 में एसीबी ने शैलेश कुमार और मनोज कुमार के ठिकानों पर छापेमारी की थी.
• शैलेश कुमार के दो ठिकानों से लगभग 22 लाख रुपए नकद और जमीन से जुड़े कई अहम दस्तावेज बरामद हुए थे.
• मनोज कुमार के यहां छापेमारी के दौरान 1.10 करोड़ रुपए नकद, डुप्लेक्स खरीद के दस्तावेज और जमीन निवेश के अन्य साक्ष्य मिले थे.
इस छापेमारी में उनके परिजनों और आश्रितों की संपत्ति से संबंधित जानकारियां भी सामने आईं, जिससे आय से अधिक संपत्ति के आरोप और मजबूत हुए.
आय और संपत्ति का विवरण मांगा गया
एसीबी ने दोनों अधिकारियों से उनके आय स्रोत, संपत्ति, और लिए गए लोन का विवरण हलफनामे के जरिए मांगा था. साथ ही, उनके आश्रितों की संपत्तियों और आय के बारे में भी जानकारी मांगी गई. प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उनकी घोषित संपत्तियों से अधिक की संपत्ति उनके पास मौजूद है.
कैसे सामने आया मामला
बड़गाईं अंचल में जमीन घोटाले का मामला अप्रैल 2023 में तब उजागर हुआ, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी के दौरान पूर्व राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप के पास से जमीन घोटाले से जुड़े दस्तावेज बरामद किए. इन दस्तावेजों के आधार पर 1 जून 2023 को सदर थाने में मामला दर्ज किया गया. एसीबी ने इस केस की जांच शुरू की और पाया कि इसमें अंचलाधिकारी शैलेश कुमार और मनोज कुमार की भी भूमिका है.
एसीबी की कार्रवाई और सरकार की सख्ती
झारखंड सरकार ने भ्रष्टाचार पर सख्ती दिखाते हुए एसीबी को मामले की जांच तेज करने के निर्देश दिए. इसके तहत:
• दोनों अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी की गई.
• उनके द्वारा अर्जित संपत्तियों की जांच की गई.
• उनके परिजनों की संपत्तियों का भी आकलन किया गया.
एसीबी के अनुसार, जमीन घोटाले के साथ ही दोनों अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की.
आरोपों की गंभीरता
एसीबी के मुताबिक, बड़गाईं अंचल के दोनों अधिकारियों ने अपने कार्यकाल के दौरान जमीन आवंटन में भारी गड़बड़ी की. साथ ही, निजी लाभ के लिए सरकारी नियमों का उल्लंघन कर संपत्ति बनाई.
• शैलेश कुमार ने जमीन आवंटन में फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया.
• मनोज कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग कर भारी मात्रा में नकद और संपत्ति अर्जित की.
आगे की कार्रवाई
एसीबी अब इन आरोपों की पुष्टि के लिए और दस्तावेज जुटा रही है. जांच पूरी होने के बाद मामला अदालत में भेजा जाएगा. इसके अलावा, दोनों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश भी की जा सकती है.