टीबी उन्मूलन के लिए 100 दिवसीय अभियान: झारखंड के चार जिले शामिल…..

देश में टीबी (तपेदिक) उन्मूलन के लिए 100 दिवसीय “टीबी मुक्त भारत अभियान” चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत देश के 347 जिलों को चुना गया है, जिसमें झारखंड के हजारीबाग, रामगढ़, गुमला और सिमडेगा जिले भी शामिल हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस अभियान को लेकर सभी राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. इस बैठक में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी भी उपस्थित रहे.

टीबी उन्मूलन के लिए जन भागीदारी पर जोर

बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि टीबी का उन्मूलन केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है. इसके लिए जन भागीदारी और अन्य विभागों के साथ समन्वय आवश्यक है. उन्होंने टीबी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और जागरूकता अभियान को तेज करने की अपील की. उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों, कॉर्पोरेट संस्थानों और गैर-सरकारी संगठनों से इस अभियान में सक्रिय रूप से जुड़ने और “निक्षय मित्र” के रूप में टीबी मरीजों को पोषण सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया.

झारखंड में अभियान की प्रगति

बैठक में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने बताया कि राज्य में टीबी मुक्त भारत अभियान प्रभावी रूप से चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार इस अभियान को सफल बनाने के लिए लगातार मूल्यांकन और पर्यवेक्षण कर रही है. साथ ही, अधिक से अधिक लोगों को निक्षय मित्र के रूप में जोड़ा जा रहा है. उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से झारखंड को पिछड़े राज्य के रूप में देखते हुए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और मेडिकल कॉलेज खोलने में सहयोग देने की अपील की.

100 दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान

यह अभियान 7 दिसंबर 2024 को शुरू हुआ है और 17 मार्च 2025 तक चलेगा. इसके तहत उच्च जोखिम वाले लोगों की संभावित टीबी जांच और उपचार किया जा रहा है. “निक्षय वाहन” के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता फैलाई जा रही है. साथ ही, निक्षय शिविर आयोजित कर संभावित टीबी मरीजों की जांच की जा रही है.

बैठक में रखे गए मुख्य बिंदु

• टीबी के प्रति भ्रांतियां दूर करना:

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टीबी को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों को खत्म करने के लिए जन जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए अभियान के तहत विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे.

• निक्षय मित्र की भूमिका:

कॉर्पोरेट संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों और समाज के प्रबुद्ध वर्ग से अपील की गई है कि वे टीबी मरीजों के लिए निक्षय मित्र बनकर उनकी पोषण सहायता और अन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद करें.

• स्वास्थ्य विभागों का समन्वय:

अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने की बात कही गई.

स्वास्थ्य मंत्री की अपील

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य में अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है. टीबी मरीजों की पहचान और उनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि झारखंड में निक्षय मित्रों की संख्या बढ़ाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

टीबी मरीजों के लिए विशेष उपाय

• टीबी मरीजों के लिए पोषण सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.

• निक्षय शिविर के माध्यम से मरीजों की पहचान और इलाज किया जा रहा है.

• उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं.

बैठक में शामिल अन्य अधिकारी

इस बैठक में झारखंड के स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक अबू इमरान और राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. कमलेश कुमार भी मौजूद थे. इन अधिकारियों ने अभियान की प्रगति और चुनौतियों पर चर्चा की.

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