फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में बीते दो वर्षों में वन क्षेत्र में 1.91% की वृद्धि हुई है. यह सर्वे वर्ष 2023 में किया गया और रिपोर्ट हाल ही में जारी की गई है. इससे पहले 2020 में हुए सर्वे की रिपोर्ट 2021 में प्रकाशित हुई थी. इस नई रिपोर्ट में बताया गया है कि झारखंड का कुल वन क्षेत्र अब 23,765.78 वर्ग किमी हो गया है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 29.81% है.
झारखंड में वन क्षेत्र की स्थिति
झारखंड में वन क्षेत्र को चार भागों में विभाजित किया गया है:
• घना वन क्षेत्र: 2,635.35 वर्ग किमी (3.31%)
• मध्यम स्तर का वन क्षेत्र: 9,640.99 वर्ग किमी (12.09%)
• खुला वन क्षेत्र: 11,489.44 वर्ग किमी (14.41%)
• झाड़ी वाला क्षेत्र: 558.32 वर्ग किमी (0.70%)
वर्ष 2021 में झारखंड का कुल वन क्षेत्र राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का 28.10% था. इस वृद्धि के साथ अब यह 29.81% हो गया है.
जिलों में वन क्षेत्र का आकलन
19 जिलों में वन क्षेत्र बढ़ा:
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 19 जिलों में वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है. यह एक सकारात्मक संकेत है, जो बताता है कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण की दिशा में प्रयास सफल हो रहे हैं.
5 जिलों में कमी:
वहीं, पांच जिलों में वन क्षेत्र घटा है. इनमें सबसे अधिक कमी चतरा जिले में दर्ज की गई, जहां दो वर्षों में लगभग 15% वन क्षेत्र कम हुआ है. इसके अलावा,
• पूर्वी सिंहभूम: 3.43% की कमी
• कोडरमा: 1.79% की कमी
• लातेहार: 2.37% की कमी
• सिमडेगा: 3.51% की कमी
सबसे अधिक वन क्षेत्र वाले जिले
लातेहार: कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 55% हिस्सा वन क्षेत्र है. यह झारखंड में सबसे अधिक वन क्षेत्र वाला जिला है.
• हजारीबाग: 47% भूमि पर वन क्षेत्र है.
• चतरा: 48% क्षेत्रफल पर वन हैं.
घने वन क्षेत्रों की स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में घने वन क्षेत्रों की स्थिति चिंताजनक है.
• कुल वन क्षेत्र का केवल 3.31% (2,635.35 वर्ग किमी) ही घना वन है.
• 11,489.44 वर्ग किमी क्षेत्र खुला वन है.
• मध्यम स्तर के वन क्षेत्र की स्थिति थोड़ी बेहतर है, जो कुल वन क्षेत्र का 12.09% (9,640.99 वर्ग किमी) है.
जिले जिनमें घने वन क्षेत्र नहीं
दुमका, धनबाद, देवघर और जामताड़ा जैसे जिलों में घने वन क्षेत्रों का अभाव है.
• धनबाद: कुल भौगोलिक क्षेत्र का केवल 10.84% हिस्सा वन क्षेत्र है.
• दुमका: 11.34% भूभाग पर वन हैं.
• देवघर: केवल 8% क्षेत्रफल पर ही वन क्षेत्र मौजूद है.
चिंताजनक स्थिति वाले जिले
चतरा में 15% की कमी ने सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया है. वहीं, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम और कोडरमा जैसे जिलों में भी वन क्षेत्र घटने से पर्यावरणीय असंतुलन की संभावना बढ़ रही है.