जामताड़ा में राइस मिल से चावल की तस्करी का बड़ा खुलासा, बांग्लादेश कनेक्शन की जांच शुरू…..

झारखंड के जामताड़ा जिले में चावल की तस्करी और बांग्लादेश कनेक्शन का मामला सामने आने के बाद पूरे राज्य में हलचल मच गई है. जामताड़ा के बेना स्थित रामेश्वरम राइस मिल में खाद्य निगम (एफसीआई) के चावल को अवैध तरीके से बांग्लादेश भेजने की खबर ने प्रशासन और सरकार को सकते में डाल दिया है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. इरफ़ान ने जांच के आदेश दिए हैं.

बांग्लादेश भेजे जा रहे थे एफसीआई के चावल

जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी के दौरान राइस मिल से करीब 32 क्विंटल एफसीआई का चावल और बांग्लादेशी पैकेट जब्त किए. छापेमारी का नेतृत्व जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजशेखर ने किया. जांच में पता चला कि राइस मिल में ‘रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश’ लिखे बोरे में एफसीआई के चावल को पैक कर तस्करी की जा रही थी. यह भी खुलासा हुआ कि जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गरीबों को दिए जाने वाले चावल को बाजार में खपाने के लिए अन्य बोरों में पैक किया जा रहा था. इस मिल को संगठित सिंडिकेट की तरह चलाया जा रहा था, जहां तस्करी इतनी गुप्त तरीके से हो रही थी कि आसपास के लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी.

मिल मालिक का आपराधिक इतिहास

रामेश्वरम राइस मिल के मालिक संजय परसुराम का नाम पहले भी अवैध कारोबार में सामने आ चुका है. 20 साल पहले इन्हें नकली दवाओं की तस्करी के आरोप में नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस बार भी छापेमारी के दौरान उन्होंने अधिकारियों से बहस करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया. मिल मालिक और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है.

खाद्य आपूर्ति मंत्री ने जताई नाराजगी

खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. इरफ़ान ने इस मामले को राज्य के लिए शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस विभाग की जिम्मेदारी उनके पास है, उसी विभाग से जुड़े इस गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ है. मंत्री ने बताया कि एफसीआई का चावल, जो गरीबों के लिए होता है, उसे बाजार में बेचने और बांग्लादेश में तस्करी करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. मंत्री ने यह भी कहा कि चावल पर प्लास्टिक की पॉलिश कर न केवल काला बाजारी की जा रही थी, बल्कि जनता के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा था. उन्होंने चेतावनी दी कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

जामताड़ा का दुर्भाग्य और बांग्लादेश कनेक्शन

मंत्री ने यह भी कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि उनके क्षेत्र में इतना बड़ा अवैध कारोबार इतने लंबे समय से चल रहा था. उन्होंने सवाल उठाए कि इस गोरखधंधे के पीछे मास्टरमाइंड कौन है और इसे कौन संरक्षण दे रहा था. मंत्री ने इस बात की भी पुष्टि की कि राइस मिल के संचालक का पहले से ही बांग्लादेश के साथ कनेक्शन है.

राइस मिल सील, जांच जारी

जिला प्रशासन ने रामेश्वरम राइस मिल को तत्काल सील कर दिया है और वहां से जब्त किए गए चावल और अन्य सामग्री को कब्जे में ले लिया है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि यह राइस मिल बड़े पैमाने पर संगठित तस्करी में शामिल थी.

राज्य को किया जा रहा था नुकसान

जांच के दौरान यह भी पता चला कि पीडीएस चावल की तस्करी से न केवल गरीबों को उनका हक मारा जा रहा था, बल्कि राज्य को भी आर्थिक नुकसान हो रहा था. चावल की गुणवत्ता से खिलवाड़ और उसके अवैध व्यापार ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है.

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