झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की CGL परीक्षा 2023 को रद्द करने की मांग को लेकर राज्यभर के छात्रों ने रांची में जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच नामकुम बाजार क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति बन गई. पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई छात्र घायल हो गए. छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो को पुलिस ने सड़क पर पीटा और उन्हें घसीटते हुए थाने ले जाया गया.
छात्रों का आंदोलन और पुलिस की कार्रवाई
21 और 22 सितंबर को आयोजित हुई JSSC CGL परीक्षा 2023 पर प्रश्न पत्र लीक और अन्य गड़बड़ियों के आरोप लगते रहे हैं. इसी के विरोध में छात्र 16 दिसंबर को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे. प्रशासन को छात्रों के इस प्रदर्शन की जानकारी पहले ही मिल चुकी थी, जिससे पुलिस ने नामकुम बाजार में भारी संख्या में जवान तैनात कर दिए थे. छात्रों के जमा होते ही पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए उन्हें खदेड़ना शुरू कर दिया. इस दौरान कई छात्र घायल हुए. छात्र नेता देवेंद्र महतो समेत अन्य को पुलिस ने लाठीचार्ज कर हिरासत में लिया. छात्रों को घसीटते हुए पुलिस वाहन में बिठाया गया और थाने ले जाया गया.
छात्रों का गुस्सा और आंदोलन की चेतावनी
पुलिस की कार्रवाई से नाराज छात्रों ने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है. हजारीबाग से आए छात्र नेता मनोज ने बताया कि जहां छात्र एकत्रित हुए थे, वहां निषेधाज्ञा लागू नहीं थी. इसके बावजूद प्रशासन ने छात्रों को जबरन हटाया और कुछ छात्रों के साथ बर्बरता की. छात्र जीतू कुमार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि JSSC CGL परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के बावजूद सरकार इसे स्वीकार कर रही है, जो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. छात्रों ने परीक्षा रद्द करने और सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर अपना आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया.
परीक्षा में गड़बड़ियों का आरोप और CID जांच का आदेश
गौरतलब है कि JSSC ने सितंबर में CGL परीक्षा आयोजित की थी, जिसमें प्रश्न पत्र लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे. छात्रों ने परीक्षा रद्द करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई जांच की मांग की है. हालांकि, सरकार ने CID जांच का आदेश दिया है, लेकिन छात्र इससे संतुष्ट नहीं हैं. इन घटनाओं के बीच JSSC ने 16 दिसंबर से इस परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेज़ सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इससे आंदोलनरत छात्रों का आक्रोश और बढ़ गया है. छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे नहीं हटेंगे.