झारखंड में बढ़ेगा तापमान, 3 से 5 डिग्री की वृद्धि का अनुमान….

झारखंड में ठंड धीरे-धीरे कम होने के संकेत मिल रहे हैं. मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों के बाद न्यूनतम तापमान में अगले पांच दिनों के भीतर 3 से 5 डिग्री सेंटीग्रेड तक की बढ़ोतरी हो सकती है. इस रविवार को रांची का अधिकतम तापमान 0.6 डिग्री सेंटीग्रेड गिरकर 22.6 डिग्री सेंटीग्रेड दर्ज किया गया. यह सामान्य तापमान से 1.9 डिग्री सेंटीग्रेड कम है. वहीं, न्यूनतम तापमान में भी 1.6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई और यह 7.6 डिग्री सेंटीग्रेड रहा, जो सामान्य से 2.8 डिग्री कम है. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में ठंड का असर धीरे-धीरे कम होगा, लेकिन तापमान में यह बढ़ोतरी झारखंड के लिए सामान्य है. लोगों को सुबह और रात में ठंड से बचने के लिए एहतियात बरतने की सलाह दी गई है.

सरकारी स्कूलों और शिक्षकों के लिए नए नियम लागू

झारखंड के सरकारी स्कूलों और शिक्षकों के लिए शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव किए गए हैं. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों का प्रमाणीकरण (सर्टिफिकेशन) और शिक्षकों का मूल्यांकन वर्ष में दो बार करने का निर्णय लिया है. यह प्रक्रिया अगले पांच वर्षों तक चलेगी और इसे एक निजी एजेंसी के माध्यम से संचालित किया जाएगा. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने इन कार्यक्रमों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. नई योजना के तहत प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के लगभग 7,000 सरकारी स्कूलों और 1.35 लाख शिक्षकों का मूल्यांकन किया जाएगा.

स्कूल सर्टिफिकेशन कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य

• शिक्षा की गुणवत्ता का मूल्यांकन:

• सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा के स्तर और लर्निंग आउटकम का आकलन किया जाएगा.

• संसाधनों और बुनियादी सुविधाओं की जांच:

• स्कूलों में उपलब्ध संसाधन, साफ-सफाई और अनुशासन का भी मूल्यांकन होगा.

• शिक्षकों की आवश्यकता आधारित ट्रेनिंग:

• शिक्षकों का मूल्यांकन कर यह पता लगाया जाएगा कि उन्हें किन-किन क्षेत्रों में प्रशिक्षण की आवश्यकता है.

स्कूल प्रमाणीकरण का आधार

हर वर्ष 1,400 स्कूलों का प्रमाणीकरण किया जाएगा. इसमें 700 स्कूलों का मूल्यांकन हर छह महीने में होगा. स्कूलों को उनके प्रदर्शन के आधार पर स्वर्ण, रजत और कांस्य प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे.

स्वर्ण प्रमाणपत्र:

• बच्चों का 75% से अधिक स्कोर.

• संस्थागत गुणवत्ता में 80% या उससे अधिक अंक.

रजत प्रमाणपत्र:

• बच्चों का 55-75% स्कोर.

• संस्थागत गुणवत्ता में न्यूनतम 65% स्कोर.

कांस्य प्रमाणपत्र:

• बच्चों का 35-55% स्कोर.

• संस्थागत गुणवत्ता में न्यूनतम 50% स्कोर.

• इस प्रमाणीकरण प्रक्रिया के तहत स्कूलों की गुणवत्ता के आधार पर संबंधित प्रखंड संसाधन केंद्रों (बीआरसी) का भी प्रमाणीकरण किया जाएगा.

• शिक्षकों का मूल्यांकन और ट्रेनिंग की व्यवस्था

• शिक्षकों के मूल्यांकन का उद्देश्य यह जानना है कि वे किन क्षेत्रों में कमजोर हैं और उन्हें किस प्रकार की ट्रेनिंग की जरूरत है. यह मूल्यांकन भी छमाही आधार पर किया जाएगा.

• हर वर्ष 1.35 लाख शिक्षकों का मूल्यांकन किया जाएगा.

• यह प्रक्रिया प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक के शिक्षकों के लिए होगी.

निजी एजेंसी की भूमिका

इस प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने एक निजी एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी है. एजेंसी अगले पांच वर्षों तक इस योजना का संचालन करेगी। इसकी मुख्य भूमिकाएं होंगी:

• डाटा विश्लेषण प्लेटफॉर्म का विकास:

• स्कूलों और शिक्षकों के प्रदर्शन के आधार पर डाटा को व्यवस्थित और संरक्षित करने का प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा.

• रीयल-टाइम फीडबैक मैकेनिज्म:

• स्कूलों और शिक्षकों को तुरंत प्रतिक्रिया देने की व्यवस्था होगी.

• एनालिटिकल और ऑटोमेटेड रिपोर्टिंग टूल्स:

• एजेंसी विश्लेषणात्मक टूल्स और रिपोर्टिंग सिस्टम विकसित करेगी, ताकि रिपोर्ट्स स्वतः तैयार हों और उन्हें नीति निर्माताओं तक पहुंचाया जा सके.

लक्ष्य और लाभ

• पांच वर्षों में कुल 7,000 सरकारी स्कूलों का प्रमाणीकरण होगा.

• शिक्षकों को समय पर प्रशिक्षण मिलने से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा.

• बच्चों को बेहतर संसाधन और शिक्षण वातावरण मिलेगा.

• सरकारी स्कूलों की छवि बेहतर होगी और वे निजी स्कूलों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे.

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