झारखंड में उत्तरी-पछुआ हवाओं से बढ़ी ठंड, शीतलहर का प्रकोप जारी, जानें मौसम का पूरा हाल….

झारखंड में उत्तरी-पछुआ हवाओं ने ठंड का प्रकोप बढ़ा दिया है. राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान तेजी से गिर रहा है, जिससे सुबह और रात के समय ठिठुरन महसूस हो रही है. मौसम विभाग ने बताया है कि फिलहाल रामगढ़, बोकारो और धनबाद जिलों में शीतलहर का प्रभाव बना रहेगा. 15 दिसंबर तक इन जिलों में लोगों को किसी तरह की राहत मिलने की संभावना नहीं है.

सुबह-सुबह तापमान में भारी गिरावट

राज्य में सुबह के समय तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि झारखंड के लगभग सभी हिस्सों में न्यूनतम तापमान तेजी से नीचे जा रहा है. खासतौर पर सुबह और शाम के समय ठंड और अधिक बढ़ रही है. इस मौसम में बच्चों, बुजुर्गों और हृदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. सुबह और शाम सैर करने वाले लोगों को भी ठंड से बचने के लिए अतिरिक्त एहतियात बरतने की जरूरत है.

कुहासा और धुंध का असर

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, झारखंड के कई जिलों में सुबह के समय घना कुहासा और धुंध देखने को मिल रहा है. दिन के समय हल्की धूप निकलती है, लेकिन शाम होते ही ठंड फिर से बढ़ जाती है. रात के समय ओस गिरने और हल्की ठंडी हवा चलने के कारण न्यूनतम तापमान और नीचे जा सकता है. इस वजह से कनकनी वाली ठंड का अहसास अधिक हो रहा है.

17 दिसंबर से बढ़ेगी ठंड

मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि 17 दिसंबर के बाद ठंड और अधिक बढ़ने की संभावना है. इस दौरान सुबह के समय घने कोहरे की स्थिति बन सकती है, जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो सकती है. वहीं, ठंडी हवाओं के कारण दिन में भी ठंड का प्रभाव महसूस होगा.

किसानों को दी गई विशेष सलाह

कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि पारा गिरने की वजह से फसल को नुकसान हो सकता है. खासतौर पर सब्जियों की फसल पर ठंड का प्रभाव पड़ सकता है. किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों की सिंचाई नियमित रूप से करें और सब्जियों को ठंड से बचाने के लिए विशेष प्रबंधन करें. इस मौसम में ठंड के कारण सब्जियों के खराब होने की संभावना बढ़ जाती है.

दिसंबर में 4 डिग्री तक गिर चुका है पारा

अगर पिछले सालों के मौसम रिकॉर्ड को देखा जाए, तो दिसंबर के महीने में झारखंड में न्यूनतम तापमान काफी नीचे जा चुका है. रांची का न्यूनतम तापमान 29 दिसंबर 2014 को 4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. यह झारखंड के इतिहास में दिसंबर महीने का सबसे ठंडा दिन था. इसके अलावा, दिसंबर 2018 में 18 तारीख को एक दिन में 57.8 मिमी बारिश भी दर्ज की गई थी.

स्वास्थ्य पर ठंड का असर

तेज ठंड का सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ सकता है. विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि सुबह और रात के समय घर से बाहर निकलते समय गर्म कपड़ों का उपयोग करें. बुजुर्ग, छोटे बच्चे और हृदय रोगी इस मौसम में विशेष सतर्कता बरतें. ठंड से बचने के लिए गर्म पानी का सेवन और संतुलित आहार लेना भी जरूरी है.

सड़क यातायात पर असर

सुबह और शाम के समय कोहरे के कारण सड़क पर दृश्यता कम हो रही है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है. वाहन चालकों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. रात के समय गाड़ी चलाते समय फॉग लाइट का इस्तेमाल करें और धीमी गति से वाहन चलाएं.

ठंड से बचाव के उपाय

ठंड के इस मौसम में खुद को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं.

• गर्म कपड़े पहनें और सिर व कान को ठंडी हवा से बचाएं.

• घर में हीटर या ब्लोअर का इस्तेमाल करें, लेकिन इसके ज्यादा उपयोग से बचें.

• गर्म पानी से स्नान करें और चाय या सूप जैसे गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें.

• नियमित व्यायाम करें, लेकिन सुबह के समय ठंड से बचने के लिए खुले में व्यायाम करने से बचें.

• बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×