झारखंड विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार अपने चरम पर है, और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विपक्षी दलों पर तीखे हमले कर रहे हैं. बुधवार को सरायकेला में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के स्टार प्रचारक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया, जहाँ उन्होंने झामुमो के प्रत्याशी गणेश महली के पक्ष में वोट की अपील की. इस दौरान उन्होंने बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों पर आरोप लगाए कि उन्होंने झामुमो को कमजोर करने और उन्हें जेल भेजने की साजिश रची.
झामुमो को बताया झारखंड की चीन की दीवार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में जोर देकर कहा कि झामुमो राज्य के आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकारों के लिए सदैव संघर्षरत है. उन्होंने कहा, “विपक्षी दल हमें हटाना चाहते हैं और हमारी पार्टी को समाप्त करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि झामुमो इस राज्य की चीन की दीवार है. इसे पार करना किसी के बस की बात नहीं है. जो इस दीवार पर चढ़ेगा, वह खुद ही गिर जाएगा. इस तरह से सोरेन ने अपनी पार्टी की मजबूती और अडिगता को स्पष्ट किया.
विपक्षियों पर लगे साजिश के आरोप
हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने उन्हें साजिश के तहत जेल में डालने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि यह साजिश सिर्फ हेमंत सोरेन को नुकसान पहुंचाने की नहीं थी, बल्कि झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों की आवाज को दबाने का प्रयास था. उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि ये चुनावी लड़ाई केवल राजनीतिक नहीं है, बल्कि यह झारखंड की आत्मा और उसके स्वाभिमान की लड़ाई है.
महिलाओं के मुद्दों पर भी उठाए सवाल
महिलाओं और बेटियों के मुद्दों पर विपक्षी दलों की नीतियों पर सवाल उठाते हुए सोरेन ने कहा कि “ये लोग मां और बेटी की बात करते हैं, लेकिन इनके असली चेहरे गुजरात और पंजाब की घटनाओं से उजागर हो चुके हैं. सोरेन ने आरोप लगाया कि बीजेपी जैसे दल ऐसे लोगों का समर्थन करते हैं जो महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लिप्त हैं और जेल में बंद हैं. उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि झारखंड में झामुमो की सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता दी है.
भूख और रोटी के मुद्दे पर डबल इंजन सरकार को लताड़
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे रोटी के मुद्दे पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि “डबल इंजन की सरकार के कार्यकाल में लोग भूख से मरे हैं. लोग रोटी की बात करते हैं, लेकिन उनकी नीतियों के चलते राज्य में भात-भात कर लोग भूख से तड़प कर मर है. उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने कोरोना जैसी भयानक महामारी का सामना किया, लेकिन झारखंड में भूख से किसी की मौत नहीं हुई.
खनन और विस्थापन पर सोरेन का बड़ा ऐलान
खनन और भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर भी हेमंत सोरेन ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि “माटी की बात करने वाले लोग खनन और बांध निर्माण के नाम पर लोगों को उनकी जमीनों से बेदखल कर रहे हैं. सोरेन ने आगे कहा कि बीजेपी के शासनकाल में झारखंड में आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा करने के लिए नयी-नयी नीतियां बनाई जा रही हैं. उन्होंने अपने समर्थकों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार में खनन के नाम पर किसी भी व्यक्ति को विस्थापित नहीं किया जाएगा.
रोजगार और मुआवजे की नीति पर विशेष जोर
हेमंत सोरेन ने उद्योगों और स्थानीय रोजगार पर अपनी सरकार की नीतियों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि राज्य में नए उद्योग स्थापित करने से पहले स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और मुआवजा सुनिश्चित किया जाएगा. उनकी सरकार ने उद्योगों में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने की नीति को लागू करने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय स्थानीय लोगों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए लिया गया है ताकि झारखंड की जनता अपने ही राज्य में रोजगार पा सके.
झामुमो की सरकार की उपलब्धियों का बखान
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में झामुमो की सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख भी किया. उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने आदिवासियों और मूलवासियों के हितों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, जो पिछले किसी भी सरकार ने नहीं की. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे झामुमो को फिर से सत्ता में लाकर राज्य में विकास की गति को बनाए रखें.