झारखंड में इस बार के विधानसभा चुनाव को लेकर सभी संस्थानों में कर्मचारियों को मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश देने का प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) के रवि कुमार ने सोमवार को श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें उन्होंने यह निर्देश दिया कि राज्य में हर औद्योगिक, वाणिज्यिक और अन्य संस्थान इस नियम का पालन करें. इसके तहत 13 और 20 नवंबर को राज्य में होने वाले दो चरणों के चुनावों के दिन सभी कर्मचारी, चाहे वह दैनिक मजदूर ही क्यों न हों, पेड लीव का लाभ उठाएंगे ताकि किसी भी कर्मचारी को अपने मताधिकार से वंचित न होना पड़े.
सवैतनिक अवकाश पर जोर
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने अपने निर्देश में कहा कि सभी नियोजक सुनिश्चित करें कि उनके कर्मचारियों को मतदान दिवस के दिन पेड लीव दी जाए. इसमें उन दैनिक मजदूरों को भी शामिल किया गया है, जो राज्य में पंजीकृत मतदाता हैं. के रवि कुमार ने श्रम विभाग से कहा है कि वे इस संबंध में प्रचार-प्रसार करें ताकि यह जानकारी सभी जगहों पर पहुंच सके. उनका कहना था कि श्रम विभाग के माध्यम से संस्थानों और कर्मचारियों के बीच जागरूकता फैलाने से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि हर व्यक्ति मतदान के लिए प्रेरित हो और अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सके.
निर्वाचन अधिनियम का पालन जरूरी
सीईओ ने बताया कि निर्वाचन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135-ख के अनुसार किसी भी प्रकार के संस्थान में कार्यरत कर्मचारी को मतदान के लिए पेड लीव देने का प्रावधान है. यदि कोई नियोजक इस प्रावधान का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है. इस कानून का उद्देश्य यह है कि हर व्यक्ति को मतदान करने की सुविधा मिल सके और कोई भी कर्मचारी मतदान से वंचित न रहे.
दैनिक मजदूरों को भी मिलेगा अधिकार
इस बैठक के दौरान सीईओ के रवि कुमार ने विशेष रूप से दैनिक मजदूरों के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि दैनिक मजदूर, जो नियमित मजदूरी पर काम करते हैं, उन्हें भी मतदान के दिन पेड लीव मिलना चाहिए. इसका मतलब है कि इन मजदूरों को भी उस दिन की मजदूरी दी जाएगी ताकि वह भी मतदान में हिस्सा ले सकें. यह कदम राज्य में व्यापक स्तर पर जागरूकता और सहभागिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है.
संस्थानों के नियोजकों और प्रबंधकों से सीईओ की अपील
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने व्यवसायों, औद्योगिक उपक्रमों और अन्य प्रकार के संस्थानों के प्रबंधकों और नियोजकों से विशेष अपील की है कि वे इस कानून का पालन करें और अपने कर्मचारियों को मतदान के लिए प्रेरित करें. उन्होंने यह सुनिश्चित करने की बात कही कि कोई भी व्यक्ति इस अवसर से वंचित न रह जाए. उन्होंने कहा कि मतदान केवल एक अधिकार ही नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है, जिसे निभाना हर नागरिक का कर्तव्य है.
दो चरणों में होंगे झारखंड चुनाव
झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरणों में आयोजित किए जा रहे हैं. पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को और दूसरे चरण का 20 नवंबर को होगा. ऐसे में दोनों दिनों में राज्य के सभी संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को छुट्टी मिलेगी ताकि वे बिना किसी रुकावट के मतदान कर सकें. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि झारखंड में सभी मतदाताओं को इस अवसर का उपयोग करने के लिए सुविधाएं मिलेंगी और हर व्यक्ति के मताधिकार को सुनिश्चित किया जाएगा.
श्रम विभाग करेगा प्रचार-प्रसार
सीईओ के रवि कुमार ने श्रम विभाग से आग्रह किया कि इस बारे में राज्य भर में प्रचार-प्रसार किया जाए. इस बैठक में श्रम आयुक्त संजीव कुमार बेसरा, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ नेहा अरोड़ा, संदीप सिंह, संयुक्त श्रम आयुक्त राजेश प्रसाद, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार और सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी देवदास दत्ता सहित कई प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे. सभी अधिकारियों ने सीईओ के रवि कुमार के इस फैसले का समर्थन किया और इसे सफलतापूर्वक लागू करने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया.