झारखंड चुनाव से पहले बीजेपी को झटका, प्रदेश उपाध्यक्ष जवाहर पासवान ने छोड़ी पार्टी….

झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक के बाद एक बड़े झटके मिल रहे हैं. प्रदेश के कई नेता पार्टी छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का दामन थाम रहे हैं. इसी कड़ी में झारखंड बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष जवाहर पासवान ने भी पार्टी से इस्तीफा देकर JMM में शामिल हो गए हैं. इससे पहले भी कई वरिष्ठ नेता, जिनमें पूर्व मंत्री लुईस मरांडी का नाम प्रमुख है, BJP छोड़कर JMM में जा चुके हैं.

पूर्व उपाध्यक्ष का इस्तीफा और गंभीर आरोप

जवाहर पासवान ने पार्टी छोड़ने के साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश बीजेपी के कुछ नेता उन्हें लगातार अपमानित कर रहे थे, जिससे वे काफी आहत महसूस कर रहे थे. पासवान ने कहा कि उन्होंने इस बारे में प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह को भी सूचित किया था, लेकिन इस पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. पासवान ने अपने इस्तीफे में लिखा कि बीजेपी में गरीब कार्यकर्ताओं की कोई जगह नहीं है, यहां सिर्फ पैसे और पैरवी वाले नेताओं को ही प्राथमिकता दी जाती है. उन्होंने अपने इस्तीफे को प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को भेजा और इस्तीफा देने के बाद सीधे JMM में शामिल हो गए. JMM में उनके शामिल होने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी मौजूद थे.

BJP को लगातार मिल रहे झटके

झारखंड विधानसभा चुनावों के ऐलान के बाद से ही बीजेपी में इस्तीफों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है. पहले पूर्व मंत्री लुईस मरांडी, फिर केदार हाजरा, गणेश महली और प्रणव वर्मा जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी बीजेपी से नाता तोड़ लिया था. चुनाव से ठीक पहले नेताओं का इस तरह से पार्टी छोड़ना बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. विश्लेषकों के अनुसार, टिकट वितरण में हुई असंतोष और पार्टी के अंदर नेताओं की अनदेखी इसकी मुख्य वजह हो सकती है. टिकट की घोषणा के बाद से ही कई नेताओं में असंतोष देखने को मिला था, और यह असंतोष अब इस्तीफों में बदल गया है.

दल-बदल से चुनावी समीकरण पर असर

विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी से नेताओं का इस तरह से झारखंड मुक्ति मोर्चा में जाना चुनावी समीकरणों को बदल सकता है. विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां से बीजेपी के दिग्गज नेता JMM में शामिल हो रहे हैं, वहां इसका सीधा असर देखने को मिल सकता है. इसके साथ ही, JMM के लिए भी यह लाभकारी साबित हो सकता है, क्योंकि बीजेपी से आए नेताओं के माध्यम से JMM को नए समर्थक और कार्यकर्ता मिल सकते हैं. BJP से कई वरिष्ठ नेताओं का लगातार JMM में जाना प्रदेश में सत्ता की राजनीति को नई दिशा दे सकता है. वहीं, JMM के नेताओं का कहना है कि उनका दल सभी नेताओं का स्वागत करता है और पार्टी को मजबूती देने के लिए सभी को एक साथ लेकर चलेगा.

जवाहर पासवान का नया राजनीतिक सफर

अब जब जवाहर पासवान ने JMM का दामन थाम लिया है, तो उनका राजनीतिक सफर किस दिशा में आगे बढ़ता है, यह देखना दिलचस्प होगा. पासवान ने स्पष्ट किया कि उन्होंने बीजेपी में गरीब कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के कारण पार्टी छोड़ी है, और JMM में वे अपने राजनीतिक सफर को नई दिशा देने के लिए तैयार हैं. वहीं, JMM नेताओं का कहना है कि जवाहर पासवान जैसे समर्पित नेताओं का पार्टी में स्वागत है, और उनके अनुभव से पार्टी को लाभ होगा.

BJP में अंदरूनी कलह का असर

BJP के अंदर चल रहे असंतोष और कलह को देखते हुए यह कहना मुश्किल नहीं है कि इसका असर चुनावों पर भी पड़ सकता है. पार्टी के अंदर नेताओं के बीच आपसी खींचतान, टिकट बंटवारे में असंतोष, और कार्यकर्ताओं की अनदेखी से कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है. इसी का परिणाम है कि कई वरिष्ठ नेता JMM का दामन थाम रहे हैं. झारखंड विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी को लगातार ऐसे झटके मिलना पार्टी के लिए चिंता का विषय है. चुनावी मौसम में पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच सकता है और जनता में इसका गलत संदेश जा सकता है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इस स्थिति को कैसे संभालती है और किस तरह से अपने नेताओं को एकजुट करती है.

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