झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की रणभूमि इस बार दो स्पष्ट ध्रुवों में बंटी नजर आ रही है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की अगुवाई में इंडियन नेशनलिस्ट डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) आमने-सामने हैं. इस चुनाव में जहां भाजपा ने अपने सहयोगी दलों के साथ ताल ठोक दी है, वहीं झामुमो और उसके सहयोगियों ने भी मजबूत दावे के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है.
एनडीए गठबंधन की स्थिति
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार अपने पुराने साथी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के साथ-साथ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के साथ गठबंधन किया है. सुदेश कुमार महतो की आजसू पार्टी एनडीए का प्रमुख हिस्सा है, और झारखंड की कई सीटों पर उसका प्रभाव देखने को मिलता है. जदयू और लोजपा के साथ यह गठबंधन भाजपा के लिए मजबूती का प्रतीक बन रहा है, जिससे पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ा है. एनडीए का लक्ष्य है कि इस गठबंधन के माध्यम से झारखंड में स्थिर सरकार बनाई जाए और राज्य की विकास यात्रा को आगे बढ़ाया जाए.
INDIA गठबंधन का समीकरण
दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ हाथ मिलाकर चुनावी रण में उतरी है. हेमंत सोरेन की अगुवाई में यह गठबंधन राज्य में अपने प्रभाव का विस्तार करना चाहता है. झामुमो-कांग्रेस-राजद का यह गठबंधन विशेषकर आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत बनाने का प्रयास कर रहा है. हालांकि, वाम दलों के साथ इस गठबंधन की बातचीत सफल नहीं हो पाई है. भाकपा (माले लिबरेशन) समेत अन्य वाम दलों के साथ गठबंधन करने की कोशिशें जारी थीं, परन्तु कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई. ऐसे में कुछ सीटों पर गठबंधन के दलों के बीच ही मुकाबले की स्थिति बन सकती है, जहां एक से अधिक उम्मीदवार मैदान में होंगे.
खूंटी और सरायकेला में उम्मीदवारों की स्थिति
इस बार झामुमो ने खूंटी विधानसभा सीट पर बदलाव करते हुए स्नेहलता कंडुलना की जगह रामसूर्य मुंडा को उम्मीदवार बनाया है. खूंटी आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां झामुमो का जनाधार खासा मजबूत माना जाता है. पार्टी ने रामसूर्य मुंडा को टिकट देकर स्थानीय समाज को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनाई है. इसके अलावा, झामुमो ने सरायकेला विधानसभा सीट से भी अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन मैदान में हैं. सरायकेला में चंपाई सोरेन का विशेष प्रभाव माना जाता है, और उन्हें ‘कोल्हान टाइगर’ के नाम से भी जाना जाता है. उनके प्रतिद्वंदी गणेश महली होंगे, जो हाल ही में भाजपा छोड़कर झामुमो में शामिल हुए हैं. पहले भी गणेश महली ने भाजपा के टिकट पर चंपाई सोरेन को चुनौती दी थी, परंतु इस बार उन्होंने झामुमो का दामन थाम लिया है. इस प्रकार, सरायकेला सीट पर दोनों ही प्रमुख उम्मीदवार वही हैं, लेकिन इस बार पार्टियां बदल गई हैं.
उम्मीदवारों की सूची में झामुमो की सक्रियता
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अब तक कुल 42 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से पार्टी के मजबूत नेताओं को मौका दिया गया है. हेमंत सोरेन की अगुवाई में पार्टी ने जिन सीटों पर अभी तक उम्मीदवार घोषित किए हैं, वहां पार्टी का खासा जनाधार है. वहीं, पार्टी ने यह भी संकेत दिया है कि वह आने वाले दिनों में बाकी सीटों पर भी उम्मीदवारों की घोषणा करेगी.
चुनावी माहौल और संभावनाएं
झारखंड में इस बार का चुनाव खासा दिलचस्प माना जा रहा है. जहां एक ओर एनडीए अपने गठबंधन के साथ भाजपा के नेतृत्व में मजबूत स्थिति में है, वहीं झामुमो के नेतृत्व में INDIA गठबंधन भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में है. वाम दलों के साथ बात न बन पाने के बावजूद झामुमो ने कांग्रेस और राजद के साथ मिलकर रणनीति बनाई है. दूसरी ओर, कई सीटों पर यह देखने को मिल सकता है कि एक ही गठबंधन के दो घटक दल आपस में मुकाबले में होंगे, जिससे चुनावी समीकरण और रोचक हो सकते हैं.