झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: आलमगीर आलम की जगह बेटे तनवीर आलम लड़ेंगे पाकुड़ से चुनाव….

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है. इस बार कांग्रेस ने पाकुड़ विधानसभा सीट पर बड़ा बदलाव किया है. जेल में बंद आलमगीर आलम की जगह उनके बेटे तनवीर आलम को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया है. यह घोषणा झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने की. उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन में शामिल सभी दलों के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति बन चुकी है. जल्द ही बचे हुए प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी जाएगी.

सीट शेयरिंग पर बनी सहमति

रांची में पत्रकारों से बातचीत करते हुए केशव महतो कमलेश ने कहा कि सभी घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है. इंडिया गठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) प्रमुख दल हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बार आरजेडी को 7 सीटें, जेएमएम को 43 और कांग्रेस को 31 सीटें मिली थीं. इस बार एक और दल गठबंधन में शामिल हुआ है, इसलिए सीटों का बंटवारा और भी सावधानी से किया गया है ताकि सभी दलों को उनके हिस्से की सीटें मिल सकें.

पाकुड़ से तनवीर आलम होंगे उम्मीदवार

पाकुड़ विधानसभा सीट पर बड़ा बदलाव देखने को मिला है. इस सीट से पूर्व विधायक आलमगीर आलम फिलहाल जेल में हैं, जिसके चलते उनके परिवार के सदस्य को टिकट देने का निर्णय लिया गया है. केशव महतो कमलेश ने पुष्टि की है कि आलमगीर आलम के बेटे तनवीर आलम को इस बार पाकुड़ से चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा. तनवीर को उम्मीद है कि उन्हें अपने पिता की विरासत का फायदा मिलेगा और जनता का समर्थन प्राप्त होगा.

रांची सीट पर जेएमएम का कब्जा

रांची विधानसभा सीट को लेकर भी चर्चा हुई. कांग्रेस ने इस सीट की मांग की थी, लेकिन अंततः यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के खाते में गई है. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो ने कहा कि रांची सीट की डिमांड कांग्रेस की ओर से की गई थी, लेकिन गठबंधन की सहमति के तहत यह सीट झामुमो को दी गई है. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इस बात की पूरी जानकारी साझा की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि कहीं कोई नाराजगी नहीं है, और सभी चीजें पार्टी नेतृत्व द्वारा तय कर ली गई हैं.

सिटिंग विधायकों को टिकट

कांग्रेस विधायक दल के नेता रामेश्वर उरांव ने इस मौके पर बताया कि पार्टी ने सिटिंग विधायकों का पांच साल का रिपोर्ट कार्ड देखा. जिसमें यह पाया गया कि सभी विधायकों ने अपने क्षेत्रों में अच्छा काम किया है. इसी आधार पर सिटिंग विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में आंतरिक कलह का कोई असर नहीं है, और जैसे ही नेतृत्व की ओर से कोई फैसला आता है, सभी एकजुट हो जाते हैं.

आलाकमान का फैसला सर्वमान्य

झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी में बाहरी लोगों को टिकट नहीं दिया गया है. सभी उम्मीदवार पार्टी के अंदरूनी कार्यकर्ताओं में से ही हैं, जिससे पार्टी के लोग काफी खुश हैं. कांग्रेस नेतृत्व के फैसले पर मुहर लग चुकी है, और गठबंधन की सभी शर्तों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों की घोषणा की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही टिकट का बंटवारा किया गया है, जिससे पार्टी के सभी सिटिंग विधायक संतुष्ट हैं.

दलबदल और गठबंधन पर विचार

मांडू विधानसभा क्षेत्र से सिटिंग विधायक जीपी पटेल ने इस मौके पर अपनी उम्मीदवारी को लेकर पूरा भरोसा जताया. उन्होंने कहा कि जनता का आशीर्वाद उन्हें मिलेगा और वह चुनाव में जीत हासिल करेंगे. साथ ही, उन्होंने राजनीति में दलबदल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हर नेता राजनीति में स्वतंत्र है और कहीं भी जा सकता है. हालांकि, छोटे नेताओं को अक्सर दलबदलू कहा जाता है, जबकि बड़े नेताओं के जाने पर इसे गठबंधन कहा जाता है.

आरजेडी की कोई नाराजगी नहीं

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि गठबंधन में शामिल आरजेडी की कोई नाराजगी नहीं है. पिछली बार के मुकाबले सीटों का बंटवारा कुछ अलग हो सकता है, लेकिन सभी दल इस बात से सहमत हैं कि सीटें उनके काम और समर्थन के आधार पर बंटनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों ने अपने हिस्से से समझौता किया है ताकि गठबंधन मजबूत रहे और सभी घटक दलों को संतुष्ट किया जा सके.

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