झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी चुनावी तैयारियों को गति देते हुए सभी प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही पार्टी की सक्रियता और भी बढ़ गई है. रविवार को विधानसभा चुनाव प्रभारी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी प्रत्याशियों से सुबह 8 बजे चर्चा की. उन्होंने भाजपा के प्रमुख चुनावी नारे “रोटी, बेटी और माटी की सुरक्षा” को दोहराते हुए कहा कि यह पार्टी का संकल्प है, और प्रत्याशी इसे लेकर जनता के बीच जाएं.
स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित
शिवराज सिंह चौहान ने उम्मीदवारों को निर्देश दिया कि वे चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय मुद्दों, रोजगार, और महिला अपराध जैसे गंभीर विषयों पर ध्यान केंद्रित करें. उन्होंने प्रदेश में गठबंधन सरकार की विफलताओं, भ्रष्टाचार, और घोटालों को उजागर करने पर भी जोर दिया. उन्होंने प्रत्याशियों से कहा कि वे जनता को यह समझाएं कि राज्य में भाजपा सरकार ही इन समस्याओं का स्थायी समाधान ला सकती है.
हिमंत बिस्वा सरमा का निर्देश
भाजपा के प्रदेश चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इस बैठक में अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता भाजपा और एनडीए गठबंधन की सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने उम्मीदवारों से अपील की कि वे प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों और स्थानीय समस्याओं को लेकर जनता के बीच जाएं और भाजपा की नीतियों को समझाएं. हिमंत बिस्वा सरमा ने यह भी कहा कि उम्मीदवारों को अपनी रणनीति में विरोधियों के कमजोर बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें प्रदेश की जनता के सामने लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियां प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं और इसे जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रत्याशियों की है.
संगठन की बैठक और रणनीति
इसके अलावा, पार्टी के जिलाध्यक्षों, विस्तारकों और विधानसभा प्रभारियों की बैठक भी प्रदेश कार्यालय में आयोजित की गई. इसमें जिला स्तर पर संगठन द्वारा प्रत्याशियों को पूरी मदद करने की रणनीति बनाई गई. बैठक में यह सुनिश्चित किया गया कि प्रत्याशियों को जिला संगठन की पूरी सहयोग और समर्थन प्राप्त हो ताकि चुनाव प्रचार को और प्रभावी बनाया जा सके.
रमेश बालमुचू का इस्तीफा
भाजपा की टिकट वितरण प्रक्रिया के बाद पार्टी के भीतर असंतोष भी देखने को मिल रहा है. चाईबासा विधानसभा सीट से टिकट की उम्मीद कर रहे रमेश बालमुचू, जो लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में शामिल हुए थे, ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. रमेश बालमुचू ने भाजपा के जिला अध्यक्ष को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की. रमेश बालमुचू ने अपने इस्तीफे में लिखा कि वह पार्टी की टिकट वितरण प्रक्रिया से पूरी तरह असंतुष्ट हैं. उन्होंने भाजपा पर भेदभावपूर्ण राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी ने सकारात्मक पहलुओं को नजरअंदाज कर विपक्षी पार्टियों का मनोबल बढ़ाने का काम किया है.
मेनका सरदार और गणेश महाली का इस्तीफा
भाजपा के प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद पार्टी के अंदर असंतोष और गहराता जा रहा है. पोटका से दो बार विधायक रहीं मेनका सरदार ने भी भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. मेनका सरदार का नाम भाजपा की प्रत्याशी सूची में नहीं था, जिससे वह बेहद नाराज थीं. उधर, सरायकेला से भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष गणेश महाली ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. चंपई सोरेन के पार्टी में आने और उन्हें सरायकेला से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद गणेश महाली ने यह निर्णय लिया. गणेश महाली इससे पहले दो बार सरायकेला से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन इस बार प्रत्याशी सूची में उनका नाम नहीं होने से वह बेहद नाराज थे. शनिवार शाम को जब प्रत्याशियों की सूची जारी हुई और उसमें अपना नाम नहीं देखकर गणेश महाली भड़क गए थे. उन्होंने तुरंत पार्टी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया और यह स्पष्ट कर दिया कि अब वह भाजपा का हिस्सा नहीं रहेंगे.
भाजपा के लिए चुनौती
भाजपा के लिए यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि चुनाव से ठीक पहले पार्टी में असंतोष का माहौल बन रहा है. रमेश बालमुचू, मेनका सरदार, और गणेश महाली जैसे नेताओं के इस्तीफे पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं. हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सभी सीटों पर प्रत्याशियों का चयन व्यापक विचार-विमर्श और राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर किया गया है.