झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा के साथ चुनावी गतिविधियों में तेजी लाई है। जामताड़ा विधानसभा सीट से इस बार पार्टी ने सीता सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया है. सीता सोरेन ने अपनी उम्मीदवारी पर खुशी जताते हुए कहा है कि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें सम्मान दिया है और वे इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद करती हैं.
सीता सोरेन का बयान
रविवार को रांची में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीता सोरेन ने कहा कि हालांकि जामा विधानसभा सीट उनके परिवार की पारंपरिक सीट रही है. उनके ससुर शिबू सोरेन और उनके पति स्व. दुर्गा सोरेन इस सीट से विधायक रह चुके हैं. वे स्वयं भी तीन बार जामा से विधायक रह चुकी हैं. लेकिन इस बार भाजपा ने उन्हें जामताड़ा विधानसभा से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. सीता सोरेन ने कहा कि राज्य में कोई भी विधानसभा सीट उनके लिए नई नहीं है. उनके पति स्व. दुर्गा सोरेन की छवि पूरे झारखंड में काम करने वाले नेता की रही है, और इसी आधार पर उन्हें विश्वास है कि वे जामताड़ा से चुनाव आसानी से जीत सकती हैं. उनके अनुसार, भाजपा ने उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है और वे इसे पूरी निष्ठा से निभाएंगी.
बेटी जयश्री को टिकट नहीं मिलने पर सीता सोरेन की प्रतिक्रिया
अपनी बेटी जयश्री सोरेन को टिकट नहीं मिलने के सवाल पर सीता सोरेन ने कहा कि पार्टी का निर्णय सर्वोपरी है, और वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहतीं. उन्होंने कहा कि पार्टी ने जो निर्णय लिया है, वह महत्वपूर्ण है और वे इसे पूरी तरह स्वीकार करती हैं.
दूसरे चरण की चुनावी प्रक्रिया
झारखंड विधानसभा चुनाव के तहत दूसरे चरण की 38 सीटों पर चुनाव की अधिसूचना 22 अक्टूबर को जारी होगी. इसके साथ ही इन सीटों पर नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर निर्धारित की गई है. इसके बाद 30 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी, और 1 नवंबर तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकते हैं. दूसरे चरण की 38 सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा. इन सीटों पर होने वाले चुनाव का काफी महत्व है क्योंकि इनमें से कई सीटें राजनीतिक रूप से काफी अहम मानी जाती हैं. इन सीटों में आदिवासी बहुल और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटें भी शामिल हैं, जिन पर हमेशा से ही राजनीतिक दलों की नजर रहती है.
दूसरे चरण की सीटें
दूसरे चरण की सीटों में राजमहल, बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, जामताड़ा, दुमका, जामा, जरमुंडी, मधुपुर, सारठ, देवघर, पौड़ेयाहाट, गोड्डा, महगामा, रामगढ़, मांडू, धनवार, बगोदर, जमुआ, गांडेय, गिरिडीह, डुमरी, गोमिया, बेरमो, बोकारो, चंदनकियारी, सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, टुंडी, बाघमारा, सिल्ली और खिजरी विधानसभा सीटें शामिल हैं. इन सीटों पर होने वाले चुनावों के परिणाम झारखंड की राजनीतिक दिशा को निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाएंगे. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस चरण की सीटों पर जातिगत समीकरण और स्थानीय मुद्दे अहम भूमिका निभा सकते हैं.
पहले चरण की चुनावी प्रक्रिया
इधर, पहले चरण की 43 सीटों पर नामांकन प्रक्रिया पहले से ही चल रही है. हालांकि, रविवार को अवकाश होने के कारण नामांकन प्रक्रिया ठप रही, लेकिन सोमवार से इसमें तेजी आने की संभावना है. पहले चरण की सीटों पर 25 अक्टूबर तक नामांकन किया जा सकेगा. 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी, जबकि 30 अक्टूबर तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकते हैं. पहले चरण की सीटों पर मतदान 13 नवंबर को होगा. ये सीटें भी राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं. पहले चरण के बाद ही राजनीतिक दलों की स्थिति का आकलन करना संभव होगा कि किस दल की पकड़ मजबूत हो रही है.
दोनों चरणों की वोटों की गिनती
दोनों चरणों की सीटों पर होने वाले मतदान की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी. इसके बाद ही यह स्पष्ट होगा कि झारखंड की जनता ने किसे अपना जनप्रतिनिधि चुना है. विधानसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया 25 नवंबर तक पूरी हो जाएगी, और इसके बाद नई सरकार का गठन होगा.