झारखंड चुनाव: सीट बंटवारे पर राजद नाराज, अकेले लड़ने की दी चेतावनी…..

हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए सीट शेयरिंग के फॉर्मूले की घोषणा कर दी है. इस फॉर्मूले के अनुसार, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस 66 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वामपंथी दलों को 11 सीटें दी गई हैं. हालांकि, इस फैसले से राजद नाखुश नजर आ रहा है और इसे झामुमो और कांग्रेस का एकतरफा निर्णय बताया है. राजद ने अपने असंतोष को खुलकर जाहिर किया है और धमकी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वह अकेले चुनाव लड़ने का विकल्प चुन सकते हैं.

राजद का विरोध और चेतावनी

राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने पार्टी की नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि राजद को 3-4 सीटें किसी भी स्थिति में मंजूर नहीं हैं. उनका कहना है कि राजद को कम से कम 12 सीटें मिलनी चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ, तो पार्टी 18 से 19 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी गठबंधन में तभी रहेगी जब उसे पर्याप्त सीटें दी जाएंगी, अन्यथा पार्टी अपने दम पर मैदान में उतरेगी. राजद का रुख काफी सख्त दिखाई दे रहा है. मनोज झा ने कहा कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो पार्टी सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी. हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी अकेले चुनाव लड़ती है, तो भाजपा को हराने के लिए शेष सीटों पर गठबंधन के अन्य दलों का समर्थन करेगी.

गठबंधन में दरार

राजद प्रवक्ता ने सीटों के बंटवारे के निर्णय को अन्यायपूर्ण बताया और कहा कि यह निर्णय कहीं से भी तार्किक नहीं है. उन्होंने कहा कि राजद एकमात्र पार्टी है जो परंपरागत रूप से भाजपा के खिलाफ संघर्ष कर रही है और कोई राजनीतिक खेल नहीं खेल रही है. इस संदर्भ में, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनके नेताओं को प्रताड़ना झेलनी पड़ी है और कई को जेल भी जाना पड़ा, लेकिन पार्टी कभी भी झुकी नहीं है. उनके अनुसार, इसके बावजूद जो सीट बंटवारा हुआ है, वह न्यायसंगत नहीं है. राजद प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि गठबंधन के सहयोगी दल उनकी बातों को गंभीरता से लेंगे और सीटों के बंटवारे पर पुनर्विचार करेंगे. उनके अनुसार, पार्टी को अब भी विश्वास है कि रात तक उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा, अन्यथा राजद सोमवार सुबह तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देगा.

गठबंधन में तनाव

यह स्पष्ट है कि झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन दलों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी सीट शेयरिंग की योजना से राजद की नाराजगी चुनावी समीकरणों पर असर डाल सकती है. राजद ने झामुमो और कांग्रेस पर एकतरफा निर्णय लेने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी भाजपा के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रही है, और इस संघर्ष में उसने कई बलिदान दिए हैं. राजद की नाराजगी के चलते यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या गठबंधन दल अपने मतभेद सुलझा पाएंगे या नहीं. अगर राजद अपने रास्ते अलग करती है और अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लेती है, तो यह गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है. दूसरी ओर, यदि गठबंधन अपनी एकता बरकरार रखता है, तो वह भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा पेश कर सकता है.

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