टाटानगर रेलवे अस्पताल में लंबे समय से डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस समस्या को हल करने के लिए अब अस्पताल में संविदा के आधार पर पांच नए डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी. इन डॉक्टरों को पहले से तय 50 हजार रुपये मासिक वेतन की जगह अब 95 हजार रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा.
अस्पताल पर निर्भर हैं 5200 से अधिक कर्मचारी और उनके परिजन
टाटानगर रेलवे अस्पताल पर लगभग 5200 स्थायी रेलवे कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य पूरी तरह निर्भर हैं. इसके अलावा, छह हजार से अधिक सेवानिवृत्त कर्मचारी और उनके आश्रित भी यहां चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त करते हैं. वर्तमान में अस्पताल में डॉक्टरों के कुल नौ स्वीकृत पद हैं, लेकिन केवल तीन स्थायी डॉक्टर ही कार्यरत हैं. इस वजह से अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को समय पर डॉक्टर उपलब्ध न होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
प्रिंसिपल चीफ मेडिकल डायरेक्टर का दौरा
दक्षिण पूर्व रेलवे की प्रिंसिपल चीफ मेडिकल डायरेक्टर (पीसीएमडी) डॉ. अंजना श्रीवास्तव ने हाल ही में टाटानगर रेलवे अस्पताल का दौरा किया था. इस दौरान मेंस यूनियन ने उन्हें डॉक्टरों की कमी से अवगत कराया. यूनियन के सदस्यों ने अस्पताल में मौजूदा समस्याओं को लेकर डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की मांग की. इस पर डॉ. अंजना ने संविदा के आधार पर पांच डॉक्टरों की जल्द नियुक्ति कराने का आश्वासन दिया.
डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए दिसंबर 2024 के बाद संभावनाएं
यूनियन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, संभावना जताई जा रही है कि दक्षिण पूर्व रेलवे में दिसंबर 2024 में होने वाले चुनाव के बाद डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरा जाएगा. वर्तमान में अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ, जनरल फिजिशियन और सर्जन कार्यरत हैं. अस्पताल में हाइड्रोसील ऑपरेशन और गर्भवती महिलाओं से संबंधित प्रसव ऑपरेशन किए जाते हैं, लेकिन बड़े ऑपरेशनों के लिए मरीजों को कोलकाता रेफर किया जाता है. इसके अलावा, डॉक्टरों को ट्रेन में यात्रा के दौरान बीमार यात्रियों की भी देखभाल करनी पड़ती है. इस कारण से डॉक्टरों की कमी के चलते अस्पताल में काम का दबाव काफी बढ़ जाता है, जिससे मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता.
स्थानीय डॉक्टरों को दी जाएगी प्राथमिकता
मेंस यूनियन ने इस बार नियुक्ति में स्थानीय डॉक्टरों को प्राथमिकता देने की मांग की है. यूनियन का तर्क है कि पहले जो डॉक्टर बहाल होते थे, वे ज्यादातर दूसरे शहर या राज्य के होते थे. ऐसे डॉक्टरों को जब दूरदराज की ब्रांच लाइनों में काम करने के लिए भेजा जाता था, तो वे नौकरी छोड़ देते थे. इस वजह से अब यह निर्णय लिया गया है कि डॉक्टरों की बहाली क्षेत्रीय स्थानीयता के आधार पर की जाएगी, ताकि वे अपने आवासीय क्षेत्र में रहकर ही काम कर सकें और नौकरी को स्थायित्व मिल सके.
विशेषज्ञ डॉक्टरों की बहाली
अस्पताल में जिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी, उनमें जनरल फिजिशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, सर्जरी और हड्डी रोग विशेषज्ञ शामिल होंगे. मेंस यूनियन के सहायक महासचिव जवाहर लाल ने बताया कि अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की बहाली की मांग को लेकर पीसीएमडी से बातचीत हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस दिशा में कदम उठाया जाएगा और दिसंबर के बाद नए डॉक्टरों की बहाली की उम्मीद है. इससे अस्पताल में मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा.