हेमंत सरकार की कैबिनेट बैठक: चुनाव से पहले बड़े फैसले संभव….

झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है, और ऐसे में हेमंत सोरेन सरकार अपनी कैबिनेट की अंतिम बैठक बुला रही है. यह बैठक 14 अक्टूबर को होने वाली है, जिसमें कुछ बड़े और लोकलुभावन फैसले लिए जा सकते हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखें तय होने से पहले सरकार ऐसे कदम उठा सकती है जो जनता को सीधे प्रभावित करें और उनके हित में हों. माना जा रहा है कि सरकार इस बैठक में कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा कर सकती है, जो चुनाव से पहले मतदाताओं का ध्यान आकर्षित कर सकती हैं.

बैठक की तारीख और समय

कैबिनेट की यह बैठक 14 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे आयोजित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद करेंगे। इस बैठक को मौजूदा सरकार की कार्यकाल की अंतिम महत्वपूर्ण बैठक माना जा रहा है. इस वजह से, सरकार इस अवसर का पूरा लाभ उठाकर जनता के बीच अपनी छवि और मजबूत कर सकती है. यह दूसरी कैबिनेट बैठक होगी जो 6 दिनों के अंदर बुलाई जा रही है, और उम्मीद की जा रही है कि इसमें कुछ ऐसे बड़े फैसले लिए जाएंगे जो आगामी चुनाव के पहले सरकार के पक्ष में माहौल बना सकें.

छह दिनों में दूसरी कैबिनेट बैठक

8 अक्टूबर को भी एक कैबिनेट बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें 81 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी. उस बैठक में भी कई बड़े और लोकलुभावन फैसले लिए गए थे, जिनसे यह संकेत मिल रहा है कि 14 अक्टूबर की बैठक में भी कुछ इसी तरह के फैसले लिए जा सकते हैं. चुनाव आयोग कभी भी झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है, इसलिए यह बैठक खास अहमियत रखती है. सरकार ने पिछले कुछ दिनों में लगातार ऐसी नीतियों पर काम किया है जो विभिन्न वर्गों के लोगों को लाभान्वित कर सकें, और इस बार भी यह सिलसिला जारी रह सकता है.

8 अक्टूबर की बैठक के प्रमुख फैसले

8 अक्टूबर को हुई कैबिनेट बैठक में भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए थे, जिनमें से एक था ‘मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना’ में सुधार. इस योजना के तहत अब 25 की बजाय 50 मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजा जाएगा. इसके साथ ही, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या में भी वृद्धि की गई है. इस फैसले से अनुसूचित जनजाति के 20, अनुसूचित जाति के 10, और पिछड़ा वर्ग के 14 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा. इसके अलावा, अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए निशुल्क कोचिंग की सुविधा देने का भी फैसला लिया गया था, जिससे उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलेगी. इसके अलावा, आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की सेवा नियमावली में भी संशोधन किया गया. इस बदलाव का उद्देश्य इन कर्मचारियों की स्थिति को बेहतर बनाना और उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करना था. ये सारे फैसले स्पष्ट रूप से लोकलुभावन थे, जो विभिन्न वर्गों के लोगों को ध्यान में रखकर लिए गए थे.

14 अक्टूबर की बैठक से उम्मीदें

14 अक्टूबर की कैबिनेट बैठक से भी उम्मीद की जा रही है कि कुछ इसी तरह के बड़े और जनता को सीधे प्रभावित करने वाले फैसले लिए जाएंगे. यह बैठक न केवल सरकार के कार्यकाल के अंतिम दिनों में हो रही है, बल्कि यह भी संकेत दे रही है कि चुनाव से पहले सरकार किसी भी तरह जनता के बड़े हिस्से को खुश करने की कोशिश करेगी. इसमें योजनाओं को विस्तार देना, नए कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू करना, और विभिन्न वर्गों के लिए राहत पैकेज का ऐलान करना शामिल हो सकता है. जिन विषयों पर चर्चा हो सकती है उनमें ग्रामीण विकास, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं शामिल हो सकती हैं. सरकार ऐसे फैसले लेकर जनता के विभिन्न वर्गों तक अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रही है, खासकर उन समुदायों पर ध्यान दिया जा रहा है जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं.

चुनाव की रणनीति

चूंकि झारखंड में चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है, इसलिए इस बैठक में लिए गए फैसलों का सीधा असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है. ऐसे समय में जब विपक्ष भी अपने रणनीतिकारों के साथ जोर-शोर से तैयारियों में जुटा है, हेमंत सोरेन सरकार अपनी छवि को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है.

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