नवंबर का महीना आते ही झारखंड से बिहार जाने वाली ट्रेनों में टिकटों की मारामारी शुरू हो गई है. दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहारों के चलते यात्रियों की भारी भीड़ होने लगी है, जिससे वेटिंग लिस्ट काफी लंबी हो गई है. स्थिति इतनी गंभीर है कि रिजर्वेशन विंडो खुलते ही कुछ ही मिनटों में “नो रूम” की स्थिति बन जाती है. इसका सीधा मतलब यह है कि इन ट्रेनों में वेटिंग टिकट भी उपलब्ध नहीं हैं, और लोग मजबूरन अन्य विकल्प तलाशने पर मजबूर हो रहे हैं.
दिवाली और छठ पूजा के कारण टिकटों की भारी मांग
दिवाली, जो इस साल 1 नवंबर को है, और छठ पूजा, जो 5 नवंबर को है, बिहार और झारखंड के सबसे बड़े त्योहारों में से एक हैं. इन त्योहारों के समय झारखंड से बिहार जाने वाले यात्रियों की संख्या में हमेशा भारी इज़ाफा होता है, क्योंकि लोग अपने परिवारों के साथ त्योहार मनाने के लिए यात्रा करते हैं. इस साल भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। त्योहारों के चलते अधिकांश ट्रेनों में पहले से ही टिकट बुक हो चुके हैं, और वेटिंग लिस्ट भी काफी लंबी हो गई है.
नो रूम की स्थिति: टिकट का मिलना मुश्किल
जैसे ही रिजर्वेशन विंडो खुलती है, कई ट्रेनों में सभी सीटें बुक हो जाती हैं और “नो रूम” का बोर्ड लग जाता है. यह स्थिति विशेष रूप से 25 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच देखी जा रही है, जब दिवाली और छठ पूजा के लिए बड़ी संख्या में लोग यात्रा कर रहे हैं. इस दौरान झारखंड से बिहार जाने वाली अधिकांश ट्रेनों में टिकट प्राप्त करना बेहद मुश्किल हो गया है. दशहरा से लेकर छठ पूजा तक, हर साल की तरह इस साल भी ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट पूरी तरह से भर चुकी है.
वेटिंग लिस्ट का हाल
झारखंड के टाटानगर स्टेशन से बिहार के विभिन्न शहरों के लिए जाने वाली ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है. उदाहरण के तौर पर, दुर्ग से आरा जाने वाली ट्रेन (13287) में 1 नवंबर को स्लीपर क्लास में 31, 3एसी में 13 और सेकेंड एसी में 8 वेटिंग हैं. यह संख्या 2 नवंबर तक बढ़कर स्लीपर में 68, 3एसी में 39 और सेकेंड एसी में 22 तक पहुंच जाती है. इसी तरह, 3 और 4 नवंबर को यह संख्या और बढ़ती है, जिससे यात्री टिकट प्राप्त करने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं. टाटानगर से बक्सर जाने वाली ट्रेन (18183) में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है. 1 नवंबर को स्लीपर क्लास में 32 वेटिंग है, जबकि चेयर कार में कुछ सीटें उपलब्ध हैं. 3 नवंबर को स्लीपर क्लास में 140 और सेकेंड एसी में 69 वेटिंग हो चुकी है, जिससे यह साफ है कि टिकट मिलना अब लगभग असंभव हो गया है.
पटना वीकली ट्रेन और टाटा कटिहार ट्रेन की स्थिति
• टाटा कटिहार ट्रेन (28181)
यह ट्रेन 2 नवंबर को स्लीपर क्लास में 135, 3एसी में 61 और सेकेंड एसी में 24 वेटिंग के साथ पूरी तरह से भर चुकी है. 3 नवंबर को यह संख्या और बढ़ जाती है, जब स्लीपर क्लास में 139 और 3एसी में 71 वेटिंग हो जाती है.
• पटना वीकली ट्रेन (22843)
2 नवंबर को इस ट्रेन में स्लीपर क्लास में 39, 3एसी में 27 और सेकेंड एसी में 6 वेटिंग बची हैं. टिकटों की इतनी कमी है कि लोगों को मजबूरन अन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ रहा है.
वंदे भारत एक्सप्रेस एक विकल्प
लंबी वेटिंग लिस्ट और नो रूम की स्थिति को देखते हुए, कई यात्री अब वंदे भारत एक्सप्रेस को अपने यात्रा का साधन बना रहे हैं. यह ट्रेन पटना के लिए चलती है और फिलहाल इस ट्रेन में कुछ टिकट उपलब्ध हैं. हालाँकि, यह संभावना है कि जैसे-जैसे त्योहारों की तारीख नजदीक आएगी, वंदे भारत एक्सप्रेस में भी टिकट बुकिंग पूरी तरह से भर जाएगी. वंदे भारत एक्सप्रेस में फिलहाल बुकिंग तेजी से हो रही है, और यह उन यात्रियों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो किसी अन्य ट्रेन में टिकट प्राप्त नहीं कर पाए हैं.
त्योहारों के दौरान यात्रियों को आने वाली समस्याएं
हर साल की तरह, इस साल भी त्योहारों के समय झारखंड और बिहार के बीच ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है. दिवाली और छठ पूजा के दौरान अधिकांश प्रवासी कामगार, छात्र और परिवार अपने घर लौटते हैं, जिससे ट्रेनों में भारी भीड़ होती है. हालांकि, रेलवे समय-समय पर विशेष ट्रेनें चलाता है, लेकिन टिकटों की मांग इतनी अधिक होती है कि यात्री रिजर्वेशन कराने में सफल नहीं हो पाते. इस बार भी दिवाली और छठ के समय टिकटों की भारी कमी देखने को मिल रही है.
विशेष ट्रेनों की मांग
यात्रियों और विभिन्न संगठनों द्वारा रेलवे से इस मुद्दे पर ध्यान देने की मांग की जा रही है. विशेष रूप से झारखंड से बिहार जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, अतिरिक्त विशेष ट्रेनें चलाने की मांग उठाई जा रही है. त्योहारों के समय रेलवे द्वारा विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की जाती है, ताकि यात्री आराम से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें. इस साल भी यात्रियों को उम्मीद है कि रेलवे द्वारा जल्द ही अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जाएंगी, ताकि उन्हें राहत मिल सके.
टिकट बुकिंग के लिए सुझाव
इस स्थिति में यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे जल्द से जल्द अपने टिकट बुक करवा लें, ताकि उन्हें बाद में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े. जिन यात्रियों को अनिवार्य रूप से यात्रा करनी है, उन्हें अन्य विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए, जैसे कि बस या निजी गाड़ियाँ. इसके अलावा, यात्रियों को विशेष ट्रेनों की घोषणा का ध्यान रखना चाहिए, ताकि वे उन ट्रेनों में अपनी यात्रा की योजना बना सकें.