जयराम महतो, जो कि JLKM (झारखंड लोक क्रांति मोर्चा) के सुप्रीमो हैं, ने आगामी विधानसभा चुनाव में डुमरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. गुरुवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने इस बात की घोषणा की. इस घोषणा के बाद से राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं, खासकर झारखंड की राजनीति में, जहां पहले से ही विधानसभा चुनावों की तैयारी चल रही है.
गठबंधन से किया इनकार
प्रेस वार्ता के दौरान जयराम महतो ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी JLKM किसी भी राजनीतिक गठबंधन में शामिल नहीं होगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी और उन्होंने खुद से किसी पार्टी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया है. महतो ने दावा किया कि एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और इंडिया (विपक्षी दलों का गठबंधन) दोनों ने उनसे गठबंधन के लिए संपर्क किया था. लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि उनकी पार्टी अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी.
धनबाद की सभी सीटों पर JLKM की तैयारी
महतो ने यह भी बताया कि JLKM धनबाद जिले की सभी विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. पार्टी की ओर से तैयारी जोरों पर है और उम्मीदवारों की सूची भी लगभग तैयार हो चुकी है. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी पूरी तरह से जनता के मुद्दों पर फोकस करेगी और किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी. उनका यह फैसला आने वाले चुनावों में बड़ा असर डाल सकता है, क्योंकि गठबंधन राजनीति में मजबूत दावेदारी रखते हैं.
पांच और उम्मीदवारों का ऐलान
प्रेस वार्ता में जयराम महतो ने अपनी पार्टी के पांच अन्य उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी की. ये सभी उम्मीदवार आगामी विधानसभा चुनाव में JLKM के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे. इस सूची में शामिल नामों में गिरिडीह जिले के जमुआ विधानसभा सीट से रोहित कुमार दास, साहिबगंज जिले के राजमहल विधानसभा सीट से मोतीलाल सरकार, रांची के तमाड़ विधानसभा सीट से दमयंती मुण्डा, सरायकेला-खरसावां जिले के सरायकेला विधानसभा सीट से प्रेम मार्डी, और पलामू जिले के छतरपुर विधानसभा सीट से प्रीति राज शामिल हैं. यह पांचों उम्मीदवार अलग-अलग क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं, जो बताता है कि JLKM ने राज्य भर में अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है. महतो ने कहा कि ये सभी उम्मीदवार जनहित के मुद्दों को उठाएंगे और क्षेत्र के विकास के लिए काम करेंगे.
बीजेपी, आजसू और झामुमो-कांग्रेस के लिए बढ़ी मुश्किलें
जयराम महतो के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से झारखंड की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में हलचल मच गई है. बीजेपी, आजसू, झामुमो, और कांग्रेस जैसे बड़े दलों के लिए JLKM का मुकाबला आसान नहीं होगा. खासकर तब जब जयराम महतो के पिछले लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन ने सभी पार्टियों को चौंका दिया था. पिछले लोकसभा चुनाव में जयराम महतो को 3,47,322 वोट मिले थे, जो एक मजबूत संख्या थी. यह प्रदर्शन उनकी राजनीतिक शक्ति और जनसमर्थन को दिखाता है. महतो का यह दावा कि उन्होंने किसी से गठबंधन नहीं किया है, झारखंड की राजनीति में नई दिशा दे सकता है. खासकर आजसू और झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए महतो की उपस्थिति आने वाले विधानसभा चुनावों में चुनौती साबित हो सकती है. लोकसभा चुनावों में JLKM का वोट प्रतिशत बहुत अच्छा था, जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. झारखंड में जहां राजनीतिक पार्टियां हमेशा से गठबंधन के सहारे चुनावी लड़ाई में उतरती हैं, वहां JLKM का यह स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है.
JLKM की रणनीति और भविष्य की चुनौतियां
जयराम महतो का चुनाव लड़ने का ऐलान, खासकर गठबंधन से इनकार, एक स्पष्ट संकेत है कि उनकी पार्टी JLKM खुद को एक मजबूत राजनीतिक विकल्प के रूप में पेश कर रही है. महतो की यह रणनीति दिखाती है कि वे राज्य की जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए स्वतंत्र रूप से चुनाव मैदान में उतर रहे हैं.