- साहिबगंज जिले में मलेरिया और डेंगू की स्थिति गंभीर होती जा रही है. इस माह अब तक मलेरिया के 228 मरीज मिल चुके हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं. सबसे अधिक 76 मरीज बोरियो के दपानी गांव में मिले हैं. साल 2024 में अब तक कुल 322 मलेरिया मरीज दर्ज किए गए हैं, जो जिले के लिए एक चिंताजनक स्थिति है. स्वास्थ्य विभाग इस समस्या से निपटने के लिए निरंतर प्रयासरत है, लेकिन अभी तक इस पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका है. यह स्थिति और भी गंभीर इसलिए हो जाती है क्योंकि पिछले कई वर्षों से मलेरिया नियंत्रण में था, लेकिन अचानक से इस बीमारी के मामले बढ़ने लगे हैं.
बढ़ते मामलों ने बढ़ाई विभाग की चिंता
साहिबगंज जिले के स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख चिंता यह है कि जिस बीमारी को अब तक नियंत्रण में माना जा रहा था, वह अब अचानक विस्फोटक स्थिति में पहुंच गई है. सबसे पहले जिले के पड़ोसी क्षेत्र गोड्डा के सुंदरपहाड़ी में मलेरिया के कई मरीज मिले थे, और अब साहिबगंज जिले में भी इसी तरह के मामले सामने आ रहे हैं. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मलेरिया के मरीज मिलना विभाग के लिए बड़ा झटका है.
मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए जागरूकता कार्यक्रम
स्वास्थ्य विभाग हर साल मलेरिया, कालाजार, और डेंगू जैसी बीमारियों से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम चलाता है. लाखों रुपये इन कार्यक्रमों पर खर्च होते हैं. नियमित दवा छिड़काव और मच्छरदानी वितरण के बावजूद मलेरिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. जानकारों के अनुसार इन योजनाओं की सही से जांच पड़ताल नहीं हो रही है, जिससे बीमारी पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो गया है.
बढ़ते मरीज और असफल योजनाएं
हाल ही में मंडरो प्रखंड के सिमरिया गांव में एक पहाड़िया बच्ची की कथित तौर पर मलेरिया से मौत हो गई थी, जिससे यह बीमारी चर्चा में आई. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने बच्ची की मौत का कारण मलेरिया नहीं माना है, लेकिन इस घटना के बाद जांच पड़ताल तेज कर दी गई. जांच के बाद 228 नए मरीज सामने आए, जो कि बड़ी संख्या है.
90 गांवों में लगे स्वास्थ्य शिविर
जिले के विभिन्न गांवों में स्वास्थ्य विभाग ने 90 शिविर लगाकर संदिग्ध लोगों की स्वास्थ्य जांच की. इस दौरान 322 मलेरिया मरीज मिले. अगस्त माह तक 23 साधारण मलेरिया और 66 ब्रेन मलेरिया के मरीज पाए गए थे. स्वास्थ्य विभाग ने 14 गांवों को चिन्हित किया है, जहां दो या दो से अधिक मलेरिया के मरीज मिले हैं. ये गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और विभाग ने यहां अतिरिक्त उपायों की योजना बनाई है.
प्रखंडवार मलेरिया के मरीज
साहिबगंज जिले के विभिन्न प्रखंडों में मलेरिया के मरीजों की संख्या इस प्रकार है:
- बरहेट: 65
- बरहड़वा: 05
- बोरियो: 202
- मंडरो: 11
- पतना: 04
- राजमहल: 15
- सदर ब्लॉक: 14
- तालझारी: 05
- उधवा: 01
कुल मिलाकर, इस साल अब तक 322 मलेरिया के मामले सामने आए हैं
माहवार मलेरिया के मरीज
साल 2024 के विभिन्न महीनों में मलेरिया के मामलों का आंकड़ा इस प्रकार है.
- जनवरी: 08
- फरवरी: 06
- मार्च: 08
- अप्रैल: 08
- मई: 08
- जून: 10
- जुलाई: 18
- अगस्त: 25
- सितंबर: 228
डेंगू के मामले भी बढ़े
साहिबगंज जिले में न केवल मलेरिया बल्कि डेंगू के मामलों में भी वृद्धि हुई है. जिले के 50 गांवों में डेंगू की जांच की गई और 419 संदिग्ध मरीजों की जांच में 78 डेंगू के मरीज पाए गए. इनमें से कुछ मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि कुछ अभी भी इलाज करा रहे हैं. हालांकि, जिले में डेंगू के मरीजों के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की कमी है. सदर अस्पताल में मरीज जांच के लिए आते हैं, लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वे इलाज के लिए जिले से बाहर निकल जाते हैं. डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है, जिसकी व्यवस्था सदर अस्पताल में नहीं है. इसके लिए मरीजों को भागलपुर या मालदा जैसे शहरों में जाना पड़ता है.
प्लेटलेट्स चढ़ाने की व्यवस्था का अभाव
स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के इलाज के लिए डीएमएफटी फंड से प्लेटलेट्स चढ़ाने की मशीन तो खरीद ली है, लेकिन इसका रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से यह मशीन अभी धूल फांक रही है. इसके अलावा, इस मशीन को चलाने के लिए कोई प्रशिक्षित ऑपरेटर भी उपलब्ध नहीं है.
डेंगू के लिए चिन्हित गांव
डेंगू की जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने 17 ऐसे गांवों को चिन्हित किया है, जहां दो या दो से अधिक मरीज पाए गए हैं. जिले के गणेशपुर गांव में डेंगू के 8 मरीज मिले हैं. इसके अलावा, पाकुड़ के 10 संदिग्ध मरीजों की भी जांच की गई, जिनमें से 6 डेंगू के मरीज पाए गए.
प्रखंडवार डेंगू के मरीज
साहिबगंज जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या इस प्रकार है.
- बरहड़वा: 05
- बोरियो: 01
- राजमहल: 02
- सदर शहरी: 62
- उधवा: 02
- पाकुड़: 06
स्वास्थ्य विभाग का दावा
स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. प्रवीण संथालिया ने कहा कि मलेरिया और डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर विभाग पूरी तरह से सतर्क है और इससे निपटने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है. उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही इन बीमारियों पर काबू पा लिया जाएगा. हालांकि, मरीजों की बढ़ती संख्या और जिले में चिकित्सा सुविधाओं की कमी को देखते हुए, स्थिति गंभीर बनी हुई है.