नेतरहाट में शिवराज चौहान ने लिया आदिवासी व्यंजनों का स्वाद, खेती को बढ़ावा देने का वादा….

झारखंड के नेतरहाट में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक अलग अंदाज देखने को मिला. अपने दौरे के दौरान चौहान ने न केवल आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ समय बिताया, बल्कि उनके पारंपरिक व्यंजनों का भी आनंद लिया. इसके साथ ही उन्होंने झारखंड में आलू और नाशपाती की खेती को बढ़ावा देने की अपनी योजना का भी जिक्र किया. उन्होंने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर आदिवासी समुदाय के लिए योजनाओं को ठीक ढंग से लागू न करने का आरोप लगाते हुए भाजपा की सरकार के आने पर झारखंड की स्थिति सुधारने का वादा किया.

आलू और नाशपाती की खेती को मिलेगा बढ़ावा

शिवराज सिंह चौहान का यह दौरा गुमला के सिसई में एक जनसभा और रोड शो के बाद हुआ. नेतरहाट में आदिवासियों के साथ पारंपरिक भोजन का आनंद लेने के बाद चौहान ने इस क्षेत्र में कृषि को लेकर अपनी योजनाओं का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि नेतरहाट और इसके आस-पास के क्षेत्रों में आलू और नाशपाती की खेती की बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन यहां के किसान बाजार तक सही समय पर अपनी उपज नहीं पहुंचा पाते हैं, जिसके कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है. चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार इस समस्या के समाधान के लिए काम करेगी. उन्होंने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) की एक टीम जल्द ही इस क्षेत्र का दौरा करेगी और यहां की कृषि संभावनाओं का अध्ययन करेगी. इसके आधार पर किसानों को बाजार तक पहुंचने के लिए बेहतर सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराए जाएंगे. उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि आलू और नाशपाती की खेती के लिए सरकार हर संभव मदद करेगी ताकि यहां के किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें.

झारखंड सरकार पर निशाना

अपने दौरे के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड की मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार पर भी कड़ा प्रहार किया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आदिवासी समुदाय के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को ठीक ढंग से लागू नहीं कर रही है. विशेष रूप से, उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना का उल्लेख किया, जो अत्यंत पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए बनाई गई है. चौहान ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य आदिवासी भाई-बहनों की स्थिति में सुधार लाना था, लेकिन राज्य सरकार की उदासीनता के कारण यह योजना प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पाई. उन्होंने दावा किया कि भाजपा की सरकार झारखंड की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलने का वादा करती है. उनका कहना था कि यदि भाजपा सत्ता में आती है, तो राज्य में आदिवासियों के विकास के लिए विशेष योजनाओं को तेजी से लागू किया जाएगा और उनकी स्थिति में सुधार किया जाएगा.

आदिवासी भोजन का अनुभव

नेतरहाट में शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासियों के साथ समय बिताते हुए उनके पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी चखा. यह अनुभव उनके लिए विशेष था, क्योंकि उन्होंने आदिवासी संस्कृति को और नजदीक से जानने का प्रयास किया. आदिवासियों की मेहमाननवाजी का आनंद लेते हुए चौहान ने गोंदली चावल, मकई घट्टा, भपाल सलाद, फुटकल चटनी, बांस करील भुजिया और बार बोदी दाल जैसे पारंपरिक आदिवासी व्यंजनों का स्वाद लिया. शिवराज चौहान के इस कदम को भाजपा के चुनाव अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है, जहां वे राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं और स्थानीय लोगों के साथ सीधे संवाद कर रहे हैं. नेतरहाट का दौरा उनके लिए खास रहा, जहां उन्होंने न केवल आदिवासी संस्कृति का अनुभव किया, बल्कि उनके साथ घुल-मिलकर उनके जीवन को भी समझने की कोशिश की.

परिवर्तन यात्रा और राज्य में बदलाव की अपील

शिवराज सिंह चौहान इस समय झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी हैं और वे राज्य के विभिन्न हिस्सों में दौरा कर रहे हैं. उनकी यह यात्रा ‘परिवर्तन यात्रा’ के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य की जनता को भाजपा की नीतियों और विचारधारा से जोड़ना है. नेतरहाट के इस दौरे से पहले वे गुमला और लातेहार में भी जनसभाएं कर चुके हैं, जहां उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए जनता से आग्रह किया कि वे इस बार सरकार बदलने के लिए भाजपा को वोट दें. चौहान ने लोगों को बताया कि झारखंड में विकास की गति धीमी है और भाजपा की सरकार राज्य में तेजी से बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि भाजपा झारखंड में रोजगार, शिक्षा, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सुधार लाने के लिए कार्य करेगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा की सरकार आदिवासी समुदाय के लिए विशेष योजनाओं को प्राथमिकता देगी और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी. शिवराज सिंह चौहान के इस दौरे को भाजपा के चुनावी अभियान का हिस्सा माना जा रहा है, जहां वे राज्य के विभिन्न हिस्सों में जाकर आदिवासी समुदाय और अन्य स्थानीय लोगों से सीधा संवाद कर रहे हैं. चौहान का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने अपने अनुभव से आदिवासी जीवन को नजदीक से देखा और उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया. इस दौरे से भाजपा की चुनावी रणनीति को मजबूती मिलने की संभावना जताई जा रही है.

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