बोकारो के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर त्रिशूल सिंह चौधरी ने सोमवार की रात “कौन बनेगा करोड़पति” (केबीसी) के सीजन 16 में अपनी प्रतिभा और ज्ञान का प्रदर्शन कर 25 लाख रुपये जीते. बीएसएल कर्मी एसके चौधरी के पुत्र त्रिशूल ने शो के दौरान 16 में से 13 सवालों के सही जवाब दिए. हालांकि, वह 50 लाख रुपये के सवाल पर आकर अटक गए और गेम को क्विट करने का निर्णय लिया.
50 लाख के सवाल पर हुए कन्फ्यूज
केबीसी के होस्ट अमिताभ बच्चन ने त्रिशूल से 50 लाख रुपये का सवाल पूछा: कौन-सा डॉक्यूमेंट पूरी दुनिया में सबसे अधिक भाषाओं में ट्रांसलेट किया गया है?
त्रिशूल इस सवाल का जवाब नहीं दे सके, क्योंकि इससे पहले ही उन्होंने अपनी सभी लाइफलाइन का उपयोग कर लिया था. इस कठिन सवाल पर वह गेम को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए. जब शो के होस्ट, अमिताभ बच्चन ने उनसे पूछा कि अगर वह जवाब देने की स्थिति में होते, तो क्या जवाब देते? इस पर त्रिशूल ने कहा कि वह “ह्यूमन रिसोर्स” जवाब देते. अमिताभ बच्चन ने उन्हें बताया कि यही सही जवाब था, जिससे त्रिशूल को यह एहसास हुआ कि वह 50 लाख रुपये जीतने के करीब थे.
त्रिशूल ने जीते 25 लाख रुपये
त्रिशूल ने अपनी सूझ-बूझ और ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए पहले के सभी सवालों के सही जवाब दिए और 25 लाख रुपये की धनराशि अपने नाम की. उनके द्वारा जीती गई रकम को अमिताभ बच्चन ने उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया. शो के दौरान त्रिशूल का आत्मविश्वास और शांत स्वभाव देखने लायक था.
त्रिशूल का परिचय और शिक्षा
त्रिशूल सिंह चौधरी का जन्म बोकारो में हुआ है. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेक्टर वन स्थित सेंट जेवियर स्कूल से पूरी की है, जहां से उन्होंने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएँ उत्तीर्ण की हैं. इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और वर्तमान में वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं. उनका परिवार मूल रूप से पिंड्राजोरा थाना के पुंडरू गांव से है. फिलहाल, त्रिशूल और उनका परिवार एग्जीक्यूटिव हॉस्टल सेक्टर 05 डी में रहते हैं. उनके पिता सुभाष सिंह चौधरी बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) के सीआरएम 01 और 02 में सीनियर टेक्नीशियन कम सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं. उनकी माता कल्पना देवी एक गृहिणी हैं, जो परिवार का ध्यान रखती हैं. त्रिशूल की पत्नी ज्योति सिंह चौधरी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं, जिससे वह भी अपने करियर में आगे बढ़ सकें.
परिवार के अन्य सदस्य
त्रिशूल का परिवार काफी शिक्षित और प्रगतिशील है. उनके छोटे भाई त्रिदेव सिंह चौधरी ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम), त्रिची से एमबीए किया है और वर्तमान में अपने करियर में आगे बढ़ रहे हैं. वहीं, उनके सबसे छोटे भाई त्रिलोक सिंह चौधरी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं और अपने भविष्य के सपने को पूरा करने की दिशा में अग्रसर हैं.
केबीसी का अनुभव
त्रिशूल सिंह चौधरी के लिए कौन बनेगा करोड़पति में हिस्सा लेना एक सपना सच होने जैसा था. उन्होंने हॉट सीट पर बैठकर न केवल अमिताभ बच्चन के मुश्किल से मुश्किल सवालों का सामना किया, बल्कि अपने आत्मविश्वास से भी सभी को प्रभावित किया. 16 सवालों में से 13 सवालों के सही जवाब देकर उन्होंने 25 लाख रुपये जीते, जो कि किसी भी प्रतिभागी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. त्रिशूल का कहना है कि उन्होंने केबीसी में शामिल होने के लिए बहुत तैयारी की थी. उनके ज्ञान का क्षेत्र काफी विस्तृत था, जिसकी बदौलत वह इस गेम में इतना आगे बढ़ सके. हालांकि, 50 लाख रुपये के सवाल का जवाब न दे पाने का उन्हें अफसोस है, लेकिन वह इस अनुभव को अपनी ज़िंदगी का एक बेहतरीन हिस्सा मानते हैं.
भविष्य की योजनाएं
त्रिशूल सिंह चौधरी के लिए केबीसी में जीतना केवल आर्थिक लाभ नहीं था, बल्कि यह उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाने वाला एक बड़ा अनुभव था. उन्होंने कहा कि वह इस राशि का उपयोग अपने परिवार की बेहतरी और कुछ सामाजिक कार्यों में करेंगे. साथ ही, वह अपने करियर में भी और उन्नति करने की दिशा में काम करना जारी रखेंगे.