झारखंड की राजनीति में हाल ही में एक नई बयानबाजी देखने को मिली जब भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बारे में टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि “ईश्वर हेमंत सोरेन को लंबी आयु दें, देश को उनकी जरूरत है. “यह बयान उन्होंने रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए दिया. सरमा झारखंड में दो युवाओं के परिजनों से मिलने के लिए आए थे, जो हाल ही में उत्पाद सिपाही बहाली की दौड़ के दौरान अपनी जान गंवा बैठे थे.
हेमंत सोरेन पर प्रतिक्रिया
जब हिमंता बिस्वा सरमा से पत्रकारों ने पूछा कि हेमंत सोरेन का कहना है कि विपक्ष उन्हें फांसी पर चढ़ाना चाहता है, तो सरमा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “हम हेमंत सोरेन से बस यह चाहते हैं कि वे बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर करें. इसके अलावा, उन युवाओं के लिए, जो सिपाही बनने का सपना देखते थे और बहाली के दौरान जिनकी मृत्यु हो गई, उनके परिजनों को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. इसमें फांसी की बात कहां से आ गई?” सरमा की इस टिप्पणी से यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा की ओर से हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई व्यक्तिगत विद्वेष नहीं है, बल्कि वे उनसे झारखंड की सुरक्षा और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की अपेक्षा कर रहे हैं.
युवाओं के परिजनों से मिलने पहुंचे हिमंता
हिमंता बिस्वा सरमा उन दो युवाओं के परिजनों से मिलने के लिए झारखंड पहुंचे थे, जो उत्पाद सिपाही बहाली की दौड़ के दौरान अपनी जान गंवा बैठे थे. सरमा ने कहा कि वह इस दुखद स्थिति में परिवारों के साथ खड़े हैं और उनका समर्थन करना चाहते हैं. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि इन परिवारों को 50 लाख रुपए मुआवजा और एक सरकारी नौकरी दी जाए. यह मुद्दा बहुत संवेदनशील है क्योंकि यह न केवल परिवारों के लिए आर्थिक राहत का मामला है, बल्कि उन नौजवानों के सपनों की बात भी है जो सरकारी नौकरी पाने की चाह रखते थे.
हेमंत सोरेन का जवाब और भाजपा की मांग
हेमंत सोरेन ने हाल ही में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा कि कई युवा स्टेरॉयड लेने के कारण या कोविड-19 की वजह से मर रहे हैं. इस बयान के संदर्भ में हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में सरकार को संवेदनशीलता से काम लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को युवाओं के जीवन को सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, बजाय इसके कि वे अपनी असफलताओं का दोष दूसरों पर मढ़ें. सरमा ने हेमंत सोरेन की सरकार से अपेक्षा जताई कि वे राज्य के नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए जिम्मेदार कदम उठाएं. उन्होंने कहा कि जो लोग सिपाही बनने का सपना देख रहे थे और बहाली की प्रक्रिया के दौरान मारे गए, उनके परिवारों को सम्मान और आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए. इसके अलावा, हिमंता ने सोरेन से बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर भी सख्त कदम उठाने की मांग की. उनका कहना था कि राज्य की सुरक्षा और उसकी सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए.
राजनीतिक विवाद और बयानबाजी
हेमंत सोरेन और हिमंता बिस्वा सरमा के बीच इस बयानबाजी के पीछे झारखंड की राजनीतिक स्थिति का भी बड़ा हाथ है. राज्य में भाजपा और हेमंत सोरेन की सरकार के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं. सरमा की यह टिप्पणी भी इसी राजनीतिक तनाव का हिस्सा है. हालांकि, उनके बयान से यह साफ है कि भाजपा की मांगें विकास और सुरक्षा को लेकर हैं, न कि व्यक्तिगत हमलों को लेकर.